दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए फैसला लिया है कि निर्माण स्थलों पर उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।इसके अलावा उनके बच्चों के लिए मोबाइल क्रेच की सुविधा शुरू होगी।

निर्माण स्थलों पर होगी डे केयर की व्यवस्था

दिल्ली कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड की 39वीं बोर्ड बैठक में सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह फैसला लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार निर्माण श्रमिकों के साथ है। 'डाक्टर आन व्हील योजना' के तहत निर्माण स्थलों पर श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच होगी। निर्माण स्थलों पर श्रमिकों के बच्चों को बेहतरीन डे-केयर की व्यवस्था की जाएगी। 

निर्माण से जुड़े श्रमिकों के लिए 17 वेलफेयर स्कीम चला रही है सरकार

उन्होंने कहा कि कोरोना और प्रदूषण के दौरान थमे निर्माण कार्यों के बावजूद निर्माण श्रमिकों के साथ केजरीवाल सरकार खड़ी थी। 600 करोड़ से अधिक की सहायता राशि देकर आर्थिक मदद की। निर्माण श्रमिकों के लिए हमारी सरकार 17 वेलफेयर स्कीम चला रही है। सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिए फ्री यात्रा स्कीम की भी शुरुआत की गई है।

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लेबर कार्ड बनवाने के लिए अब तक 17 लाख आवेदन

पिछले साल स्कीमों के तहत निर्माण श्रमिकों को 13 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। लेबर कार्ड के लिए अब तक 17 लाख आवेदनबैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में बोर्ड के पास लेबर कार्ड बनवाने के लिए 17 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं।ऐसे में पात्र लोगों को ही इसका फायदा मिले ये सुनिश्चित करने के लिए उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सामाजिक आडिट करवाने का निर्देश दिया। इसके लिए दो सदस्यीय समिति बनाई जाएगी जो आडिट के लिए बोर्ड को अपने प्रस्ताव भेजेगी और उसके अनुसार आडिट करवाया जाएगा।

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पिछले दिनों मनीष सिसोदिया द्वारा अशोक विहार स्थित श्रम कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया था। वहां अनियमितता पाए जाने पर कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था।

निर्माण श्रमिकों के 16 हजार बच्चों को दी 12.35 करोड़ की स्कालरशिपदिल्ली सरकार अपनी इस योजना के तहत पहली से आठवीं तक के बच्चों को सालाना 6 हजार रुपये, नौवीं व दसवीं के बच्चों को सालाना 8400 रुपये व 11वीं एवं 12वीं के बच्चों को सालाना 12 हजार रुपये की स्कालरशिप देती है।

Nag Panchami 2022: सांप न दूध पीता है, न करता है बीन की धुन पर डांस, पढ़िए इससे जुड़ी 5 भ्रांतियां और सच्चाईअधिकारियों ने बताया कि इस स्कालरशिप के तहत छठी से आठवीं तक के 8062 बच्चों को 4.8 करोड़ रुपये, नौवी व दसवीं में पढ़ रहे बच्चों 4,888 बच्चों को 4.1 करोड़ रुपये व 11वीं एवं 12वीं के 2841 बच्चों को 3.4 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई।