दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में अक्टूबर माह से ही प्रदूषण का लेवल बढ़ जाता है. क्योंकि जैसे ही ठंड दस्तक देती है दिल्ली सहित एनसीआर में पड़ने वाले कई अन्य राज्यों के जिलों में भी सांसे धीमी हो जाती है. अक्टूबर आ चुका ऐसे में परिवहन विभाग (transport Department)की नींद उड़ी है. क्योंकि नेशनल ट्रिब्युनल कोर्ट (National Tribunal Court) ने 10 साल पूरे कर चुके पेट्रोल और 15 साल पूरे कर चुके डीजल वाहनों को जब्त करने के निर्देश जारी किये हैं. विभागीय अधिकारियों का मानना है कि दिल्ली सहित नोएडा, मेरठ, बागपत में ऐसे 5 लाख वाहन हैं जो अपनी अवधि पूरी कर चुके हैं. अब ऐसे वाहनों की निगरानी बढ़ाने के लिए ट्रैफिक पुलिस (traffic police)को कहा गया है. ताकि समय रहते अवैध वाहनों को जब्त किया जा सके

आपको बता दें कि दो साल पहले ही एनजीटी के आदेशों के बाद 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पूरा कर चुके पेट्रोल वाहनों को बैन करने का नियम बनाया गया था. लेकिन आज भी लाखों की संख्या में ऐसे वाहन हैं जो बिना रोक-टोक के दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं. चूंकि  अक्टूबर माह आ चुका है. जैसे ही ठंडी बढ़ेगी दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में प्रदूषण का लेवल भी बढ़ जाएगा. खासकर इस मौसम में एनसीआर के लोग घूमने निकल जाते हैं. क्योंकि स्मॅाग और प्रदूषण के चलते हमारी सांसों पर खतरा मंडरा जाता है. जिसके चलते लोगों को  दिल्ली छोड़ने को मजबूर होना पड़ता है.

नोएडा एआरटीओ वर्मा बताते हैं की वाहनों की अपनी उम्र पूरा कर चुके वाहनों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया गया है. विभागीय अधिकारियों के साथ ट्रैफिक पुलिस की मदद भी इस काम में ली जा रही है. एनजीटी के आदेशों के अनुरूप ही वाहनों पर कार्रवाई भी की जा रही है. आपको बता दें कि ऐसे वाहनों को पकड़कर या तो ऐसे जिलों के लिए एनओसी दी जाएगी. जहां एनसीआर न हो और ये वाहन चलान मान्य हो. साथ ही कुछ वाहनों को स्क्रैप पॅालिसी के तहत कबाड़ में भी दिया जाएगा. वहीं मेरठ आरटीओं का कहना है कि अभियान चलाकर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. किसी भी कीमत में उम्र पूरी कर चुके वाहनों को नहीं चलने दिया जाएगा.