मने में हमेशा यही भावना रहती है की अड्डा देने से खराब लत पडती है।परंतु रोहा के कई उदीयमान युवकों ने यह साबित कर दिया है की अड्डे से एक नये सृष्टिशील अनुष्ठान का भी जन्म हो सकता है।रोहा क्षैत्र के कई उदीयमान युवकों ने एक प्रशंसनीय पदक्षेप लेते हुवे अति कोडेकचरे से भरपूर क्षैत्र को स्वच्छ कर "सुभाख"नामक एक खुले मंच का जन्म दिया जिसमें प्रतिभावान युवक युवतीयों को अपनी प्रतिभा को उजागर करने का मौका मिलेगा।
रोहा बाजार स्थित सार्वजनीन दुर्गा मंदिर प्रांगण के पास एक खुला स्थान था जो कोडेकचरे से भरपूर होने के साथ ही प्रसाव करने पर अति दुर्गंधमय हो गया था।परंतु रोहा बाजार निवासी उदीयमान युवक निरुपम कलिता अपने कई मित्रों के साथ बैठकर अड्डा देते समय बातों बातों पर ईस विषय पर चर्चा हुई और युवकों ने हाथों हाथ ईसका बिडा उठाते हुवे उक्त स्थान की साफ सफाई में लग गये और साफ सफाई करने के पष्चात रंगरोगन कर बांस खेड के घरों का निर्माण और रंगविरंगी लाईटें लगा विभिन्न उदीयमान चित्रशिल्पीयों द्वारा अंकित चित्रों को ईक्कठा कर एक चित्र प्रदर्शनी कर एक अति मनमोहक क्षैत्र में तबदील कर "सुभाख"नामक एक खुले मंच का जन्म दिया।साथ ही उक्त स्थान मेंं करिब डेढ सौ वर्ष पुराना एक कुंआ था जिससे बाजार क्षैत्र की जनता पानी पिया करती थी।परंतु समय के चलते कुँवें में प्लास्टिक सहित सहित कचरा जमा हो जाने पर कुंआ बंद हो गया था और अव्यवहीत हो गया था।पस्चात युवकों द्वारा कुंवैं में मिट्टी भरा पौधै लगा दिया है।उदीयमान युवक निरुपम कलिता ने बताया की शारदीय दुर्गोत्सव के शुभ अवशर पर जन्म हुवे सुभाख नामक उक्त खुले मंच के प्रथम में हम कई युवक ही शामिल थे परंतु अब मंच से पचास से अधिक लोग जोड गये है।साथ स्थानीय लोगों ने भी हमें ईस पदक्षेप में आर्थिक और भीजिकल भी काफी सहायता की है।साथ ही कलिता ने कहा की ईस मंच के जरिए उदीयमान युवक युवती शिल्पी अपनी प्रतिभाओं को प्रदर्शित कर उजागर कर सकेगें।ईस उपलक्ष में रविवार को सांय सात बजे से खुला मंच सुभाख का उद्घाटन रोहा हायरसेकंडरी के पुर्व अध्यक्ष कमलचन्द्र शर्मा, पुर्व शिक्क्षक हरेन शर्मा,अनातार शिल्पी खनिन तालुकदार ,शिल्पी सुरेंद्र कुमार नाथ और शिल्पी भगवान सेनापति ने द्वीप प्रज्वलन कर करने के साथ ही संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।जिसमें विभिन्न शिल्पीयों द्वारा सत्रीया नृत्य, वांसुरी वादन,लोकवाद्य, गीत नृत्य, लोकगीत सहित कई कार्यक्रमों का मंचन करने के साथ ही चार वर्षीय नन्ही मुन्नी बच्ची मयूराखी बोरा ने दशावतार नृत्य कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।स्थानीय लोगोंं ने ईस पदक्षेप की भरपूर प्रशंसा की है।