प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान देश भर के 75 ऐसे स्टेशनों का जिक्र किया, जिनका आजादी की लड़ाई में अहम योगदान था।उन्होंने बताया कि देश में अनेक ऐसे रेलवे स्टेशन हैं जो स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से जुड़े हैं। आप भी इन रेलवे स्टेशनों के बारे में जानकार हैरान होंगे। उन्होंने स्टेशनों की विशेषता बताना शुरू किया तो बैकग्राउंड में चल रहे वीडियो में प्रयागराज जंक्शन की खूबसूरत तस्वीर नजर आती है। इसमें जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक से जुड़े हाल में सजाई गई गुमनाम बलिदानियों की गौरवगाथा प्रदर्शनी दिखती है।

पांच सेकेंड के पहले दृश्य में प्रयागराज के लेखकों की गौरवगाथा का दृश्य है, जिसमें महादेवी वर्मा, मुंशी प्रेमचंद आदि नजर आ रहे हैं। दूसरे दृश्य में चंद्रशेखर आजाद समेत अन्य क्रांतिकारी नजर आते हैं और बीच में प्रयागराज का टिमटिमाता हुआ बोर्ड भी प्रदर्शित होता है। तीसरे दृश्य में बलिदानी रमेश मालवीय की तस्वीर को निहारते यात्री का दृश्य है। इस स्टेशन की ऐतिहासिकता में महात्मा गांधी से लेकर नेहरू, चंद्रशेखर आजाद समेत सैकड़ों की संख्या में क्रांतिकारी जुड़े हैं। ऐतिहासिक, धार्मिक और स्वतंत्रता आंदोलन को धार देने वाला और आजादी की लड़ाई में देश की धुरी बन चुका प्रयागराज यानी तत्कालीन इलाहाबाद एक बार फिर से पीएम के मन की बात से चर्चा का केंद्र बन गया है। आाजदी की लड़ाई से जुड़े 75 रेलवे स्टेशनों में से एक प्रयागराज जंक्शन यानी पूर्व का इलाहाबाद जंक्शन इस समय बहुत ही खूबसूरत अंदाज में सजाया गया है। प्लेटफार्म नंबर एक की ओर की मुख्य बिल्डिंग को तिरंगे की रोशनी में ऐसा आकार दिया गया है जैसे स्टेशन ही तिरंगा बन गया है। बाहर की ओर लगे रेल इंजन को भी तिरंगे के रंग की झालर से खूबसूरत स्वरूप दिया गया है। जहां सेल्फी प्वाइंट पर दिन भर सैकड़ों लोग सेल्फी ले रहे हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों स्टेशनों की लिस्ट काफी लंबी है। देश भर के 24 राज्यों में फैले ऐसे 75 स्टेशनों की पहचान की गई है। इन 75 स्टेशनों को बहुत ही खूबसूरती से सजाया जा रहा है।इनमें कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। आपको भी समय निकाल कर अपने पास के ऐतिहासिक स्टेशन पर जरूर जाना चाहिए।

आजादी का अमृत महोत्सव मनाए जाने के क्रम में प्रयागराज जंक्शन देशभक्ति के रंग में रंगने लगा है। प्लेटफार्म पर प्रयागराज के बलिदानियों की तस्वीर के साथ उनकी गौरवगाथा स्टैंड फ्लैक्स बोर्ड पर दर्शायी जा रही है। सिटी साइड में जंक्शन के मुख्य हाल पर बलिदानी रामचंद्र समेत 16 शहीदों की गौरवगाथा का बोर्ड लगाया गया। इसमें उनकी तस्वीर समेत उनके बारे में पूरी जानकारी दी हुई है।अब इसे स्थायी रूप से लगाया जा रहा है। इससे जंक्शन आने वाले हर यात्री अब प्रयागराज के गौरवशाली इतिहास में बलिदानियों के योगदान को जान सकेंगे। प्रयागराज जंक्शन पर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद, रामचंद्र, लाल पद्मधर, सोहन लाल, मुरारी लाल, मोहन भट्टाचार्य, द्वारिका प्रसाद, महावीर, अब्दुल मजीद, त्रिलोक नाथ कपूर, नियामत उल्ला, हनुमान पंडित, सूरज नारायण आदि बलिदानियों की तस्वीर व जानकारी प्रदर्शित की जा रही है।तिरंगे की रोशनी में नहाया जंक्शन: प्रयागराज जंक्शन को तिरंगे के रंग में आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है। पूरा जंक्शन मानो तिरंगे का प्रतिरूप बन गया है। बाहर हवा में लहराता विशालकाय तिरंगा इस पूरे दृश्य को और मनमोहक बना रहा है। सिटी साइड की ओर डिजिटल स्क्रीन पर स्टेशन से जुड़े महापरुषों व घटनाओं का दृश्य चल रहा है। जिसमें प्रधानमंत्री के भाषणों से लेकर अन्य विशेष चीजों का प्रसारण हो रहा है। इसके अलावा पोस्टरों, बैनर्स, आडियो के जरिए भी देशभक्ति का संदेश यात्रियों तक पहुंचाया जा रहा है।साइड की ओर सेल्फी प्वांइट भी बनाया गया है। बैक ग्राउंड में रंगीन लाइट में सजाया गया रेल इंजन व तिरंगा नजर आ रहा है। यहां तस्वीरें लेने के लिए यात्रियों की भीड़ लगी रही और हर कोई स्मृतियों को संजोता नजर आया।

जंक्शन के हाल में प्रयागराज के बलिदानियों, साहित्यकारों व क्रांतिकारियों की गौरव गाथा को तस्वीर के साथ प्रदर्शनी का स्वरूप दिया गया है। यह प्रदर्शनी 23 जुलाई तक चलेगी। इसमें 13 बलिदानी, नौ कलम के क्रांतिवीर और 16 क्रांतिकारियों का वर्णन है।बन रही देश की पहली क्रांतिकारी गैलरी : प्रयागराज जंक्शन पर इस समय एक अनूठा प्रयास चल रहा है। देश में पहली बार किसी रेलवे स्टेशन पर क्रांतिकारी गैलरी बनाई जा रही है। उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल द्वारा 30 फिट ऊंचाई पर 100 मीटर लंबी क्रांतिकारी गैलरी 12 अगस्त तक तैयार करा ली जाएगी। हालांकि इसे अभी भी यात्री देख सकते हैं। प्लेटफार्म नंबर छह को प्लेटफार्म नंबर एक से जोड़ने वाली इस एफओबी पर हर पेंटिंग क्रांति के एक-एक घटनाक्रम को जीवंत करता है।

देशभक्ति गीत बढ़ा रहे उत्‍साह : लाउडस्पीकर पर बज रहे देशभक्ति गीतों के बीच जैसे यहां पहुंचते हैं, कदम खुद-ब-खुद ठहर जाते हैं। आजादी की लड़ाई के प्रत्येक पहलुओं को इस तरह उकेरा गया है कि हम एक सिरे से जब दूसरे सिरे तक पहुंचते हैं तो ब्रिटिश हुकूमत को नेस्तनाबूत करते हुए आजादी तक का सफर तय कर लेते हैं। 1857 में क्रांति के उद्गम से लेकर हर घटनाक्रम हमारी आंखों के सामने आ जाता है। प्रयागराज जंक्शन के फुट ओवरब्रिज (एफओबी) नंबर चार पर अनूठी गैलरी में चंद्रशेखर आजाद अंग्रेजों से लड़ते नजर आते हैं तो भगत सिंह असेंबली में बम फेंक कर क्रांति का बिगुल बजा रहे हैं। रानी लक्ष्मीबाई की रौद्र रूप में चलती तलवार हो या नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गर्जनापूर्ण भाव की छवि मस्तिष्क में देश भक्ति का करंट उत्पन्न कर देती है। राम प्रसाद बिस्मिल से लेकर काकोरी कांड तक हर पेंटिंग अद्भुत है।बोले, एनसीआर के सीपीआरओ : एनसीआर के सीपीआरओ डा. शिवम शर्मा ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए पूरे उत्तर मध्य रेलवे में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम हो रहे हैं। हर घर झंडा अभियान से लेकर देशभक्ति का संचार करने वाले वाहनों को पूरे एनसीआर में भेजा जा रहा है। आरपीएफ का बैंड, रैली, रन फार यूनिटी जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। आजादी का स्टेशन और आजादी की रेलगाड़ी कार्यक्रम का आयोजन प्रयागराज जंक्शन पर हुआ और अब बलिदानियों की स्थायी गैलरी लगाई जा रही है। एफओबी चार पर एक अनूठी क्रांतिकारी गैलरी को बनाया जा रहा है। यह जंक्शन आने वाले प्रत्येक यात्री को देशभक्ति की अनुभूति से भावविभोर कर देगी। जंक्शन को इस समय बहुत खूबसूरती से सजाया गया है और यहां आने लोग इस देखकर खुद को देश प्रेम से जोड़ सकेंगे और गर्व की अनुभूति करेंगे।