उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की बड़ी आबादी वाला देश है और सुरक्षा परिषद में वर्तमान विश्व व्यवस्था और भू-राजनीतिक वास्तविकता प्रतिबिंबित होनी चाहिए। दो दिन की भारत यात्रा पर आए शाहिद ने सोमवार को एएनआइ के साथ विशेष बातचीत में कहा कि सुरक्षा परिषद के विस्तार को लेकर पिछले 14 साल से बातचीत चल रही है। यूएनजीए के अध्यक्ष के रूप में अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया को तेज किया है। अगर सुरक्षा परिषद में जल्द सुधार नहीं किया जाता है तो उसकी विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी।