हिंदी व्याकरण ने उलझाया बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में।
जनपद जौनपुर के करंजाकला में, बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा रविवार को जिले के 27 परीक्षा केंद्रों पर संपन्न हुई। हालांकि परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से पूरी हुई, लेकिन इस दौरान परीक्षार्थियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। परीक्षा में कुल पंजीकृत 13097 अभ्यर्थियों में से 2655 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी,परीक्षा की दोनों पालियों में आए हिंदी व्याकरण, सामान्य ज्ञान और रीजनिंग के प्रश्नों ने परीक्षार्थियों को खासा उलझा दिया। कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि तीन घंटे का समय भी ओएमआर शीट भरने और सभी प्रश्नों को हल करने के लिए पर्याप्त नहीं था।परीक्षा की पहली पाली में हिंदी व्याकरण और सामान्य ज्ञान से जुड़े प्रश्न पूछे गए, जबकि दूसरी पाली में विषय आधारित प्रश्नों के साथ रीजनिंग के सवाल शामिल थे। परीक्षार्थियों ने बताया कि हिंदी व्याकरण के प्रश्नों को समझने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगा। कई प्रश्न लेखक के नाम, पाठ के शीर्षक और भाषा संबंधी बारीक जानकारियों से जुड़े हुए थे। दूसरी ओर, रीजनिंग के सवालों की जटिलता ने अभ्यर्थियों की परीक्षा को और कठिन बना दिया।नईगंज निवासी नेहा विश्वकर्मा ने बताया कि विषय आधारित गणित और रीजनिंग के सवालों को हल करने में काफी समय लग गया। सवाल इस तरह से घुमा-फिराकर पूछे गए थे कि समझने में ही समय बीत गया। देवकली निवासी रोहित ने कहा कि प्रश्न पत्र न ज्यादा कठिन था, न ही बहुत सरल। हिंदी व्याकरण और सामान्य ज्ञान के 50-50 प्रश्न हल करने थे। उन्होंने सभी प्रश्नों का उत्तर देने का दावा किया, लेकिन स्वीकार किया कि हिंदी के कुछ प्रश्न सोचने पर मजबूर कर रहे थे।कोतवाली क्षेत्र की प्रियंका ने बताया कि हिंदी व्याकरण में लेखक के नाम, पाठ के नाम और भाषा से संबंधित प्रश्नों को समझने में समय लग गया। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि अच्छी तैयारी के साथ परीक्षा दी जाए, तो प्रश्न कठिन नहीं कहे जा सकते। वहीं जेठपुरा निवासी मो. अब्बास ने बताया कि गणित और रीजनिंग के सवालों ने उन्हें काफी उलझन में डाला। उन्होंने कहा कि हालांकि मैथ के प्रश्न हाईस्कूल स्तर के थे और रीजनिंग भी उसी स्तर की थी, लेकिन समय की कमी के चलते दबाव में आना पड़ा। सामान्य ज्ञान और भाषा का पेपर अपेक्षाकृत सरल रहा।कोठवार निवासी आकाश ने भी मिलती-जुलती प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सामान्य ज्ञान और भाषा का प्रश्नपत्र तो आसान था, लेकिन दूसरी पाली में आए रीजनिंग के प्रश्नों ने परीक्षा के दौरान खूब परेशान किया। उन्होंने बताया कि समय की कमी के कारण रीजनिंग के सवालों को हल करने में मानसिक दबाव बना रहा, क्योंकि हर प्रश्न में दिमागी गुणा-भाग करना पड़ रहा था।परीक्षा के नोडल अधिकारी अमृतलाल पटेल ने जानकारी दी कि जिले के सभी 27 केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि कहीं से भी किसी तरह की गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत हर केंद्र पर निगरानी की मुकम्मल व्यवस्था की थी।शहर में, चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था, डीएम ने संभाला मोर्चा-परीक्षा समाप्त होने के बाद शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। परीक्षा केंद्रों से निकलते ही हजारों अभ्यर्थियों और उनके परिजनों की भीड़ शहर की सड़कों पर उमड़ पड़ी, जिससे नगर क्षेत्र में कई स्थानों पर जाम की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। विशेषकर टीडी कॉलेज से लेकर जेसिज चौराहे तक का मार्ग घंटों तक जाम रहा। वहीं, कोतवाली रोड से ओलनगंज की ओर भी वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जाम की गंभीर स्थिति को देखते हुए खुद जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने मोर्चा संभाला। उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी से उतरकर ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना शुरू किया। उनके निर्देश पर स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों ने जाम हटवाने का प्रयास किया, जिसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो सकी। इस दौरान आम जनता और परीक्षार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। विशेष रूप से वे अभ्यर्थी जो दूसरी पाली की परीक्षा देकर बाहर निकले थे, वे काफी देर तक जाम में फंसे रहे। अभिभावकों ने भी ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई और भविष्य में इस तरह की परीक्षाओं के समय शहर में ट्रैफिक प्लानिंग को और बेहतर करने की मांग की। पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के बाहर भीड़ और वाहनों की अराजक स्थिति देखने को मिली।