समरस शिरोमणि 1008 आचार्य श्री विजय राज जी महाराज साहब के होली चातुर्मास के तहत शनिवार को दानबाडी दादाबाडी में श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्री संघ रामपुरा कोटा की ओर से महाराज साहब के प्रवचन हुए। वहीं प्रवचन का श्रवण करने आए लोकसभा अध्यक्ष ने भी अपनी बात रखी। इस दौरान बिरला का श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्री संघ रामपुरा कोटा के अध्यक्ष पंकज मेहता द्वारा शॉल औढाकर सम्मान किया गया। प्रवचन के दौरान महाराज साहब ने क्रिया रुचि, कर्तव्य निष्ठा, साधना, अधिकारों की बात पर अपने प्रवचन दिए और कहा कि क्रिया रुचि हमे कर्तव्य निष्ठ बनाती है। साधक कभी अधिकार की बात नहीं करता, वह कर्तव्यनिष्ठ होते हैं। क्रिया रुचि साधक को कर्तव्यनिष्ठ बनाती है। उन्होंने कहा कि अधिकार अहंकार पैदा करते हैं और यही संसार की समस्या है। कर्तव्य का पालन करेंगे तो संत से कम नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि संत बनने से पहले सज्जन बनना चाहिए, जो सज्जन होते हैं वही संत बनते हैं। सज्जनता के मार्ग को अपनाओगे मो मंजिल जरूर मिलेगी। समरस शिरोमणि 1008 आचार्य श्री विजय राज जी महाराज साहब ने कहा कि पशुओं का समूह होता है, समाज नहीं होता, समाज बना है तो समझ से बना है। उन्होंने कहा कि भारत कृषि और ऋषि प्रधान देश है। उन्होंने वर्तमान समय में मोबाइल के उपयोग को कम करने की सलाह दी, उन्होंने कहा कि आप मोबाइल चलाएंगे तो बच्चे भी चलाएंगे और यह ठीक नहीं है। इलेक्ट्रोनिक उपकरण शांंति कम समस्या ज्यादा पैदा करते हैं। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जीवन में आत्म संयम रखे। उन्होंने भारत के संविधान और व्यक्ति निर्माण की बात कही। बिरला ने कहा कि संस्कृति विचार ही भारत की पहचान है। देश के संस्कार, भगवान महावीर के जीवन को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराज श्री के विचार गहरे हैं, उनके विचारों से जीवन को साधना में लगाकर जीवन को सफल बनाना चाहिए। दोपहर को चिंतन शिविर का आयोजन किया गया साथ ही श्री संघ की बैठक भी आयोजित की गई जिसमें होली चातुर्मास सहित अन्य विषयों पर विचार विमर्श किया गया। मंत्री अनिल दक ने कहा कि रविवार को भी महाराज साहब के प्रवचन प्रात: 9 बजे से 10.30 तक होंगे। मंत्री अनिल दक ने कहा कि महाराज साहब के साथ 7 संत तथा 10 महासतिया जी भी विराजमान है।