कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न संबंधित आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के आदेश जारी
कार्यस्थल पर यह समिति गठित नहीं किए जाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना
बूंदी। कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन को लेकर सभी सरकारी, अर्ध सरकारी और निजी कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों में आंतरिक शिकायत समिति गठित करने का आदेश जारी किया गया है। बूंदी जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने कहा कि, "जिन कार्यालयों में दस या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां इस समिति का गठन करना अनिवार्य है।" यदि किसी कार्यस्थल पर यह समिति गठित नहीं की जाती है, तो उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
आंतरिक शिकायत समिति गठन हेतु प्रमुख दिशा निर्देश
बूंदी। कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन को लेकर सभी सरकारी, अर्ध सरकारी और निजी कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों में आंतरिक शिकायत समिति गठित करने का आदेश जारी किया गया है। बूंदी जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने कहा कि, "जिन कार्यालयों में दस या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां इस समिति का गठन करना अनिवार्य है।" यदि किसी कार्यस्थल पर यह समिति गठित नहीं की जाती है, तो उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
आंतरिक शिकायत समिति गठन हेतु प्रमुख दिशा निर्देश
१. जिन कार्यालयों में दस या इससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां आंतरिक शिकायत समिति का गठन आवश्यक होगा।*
२. समिति की अध्यक्ष एक वरिष्ठ महिला कर्मचारी होंगी।
3. समिति में सामाजिक कार्यों या कानून में अनुभव रखने वाले दो स्टाफ सदस्य और महिला मुद्दों से संबंधित किसी गैर-सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल किया जाना अनिवार्य होगा।
इस कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक भेरू प्रकाश नागर ने बताया कि प्रत्येक कार्यालय को अनिवार्य रूप से यह बताना होगा कि एक आंतरिक शिकायत समिति गठित की गई है। समिति के गठन की जानकारी कार्यालय के प्रमुख स्थान पर एक बोर्ड के माध्यम से अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करनी होगी। इसके साथ ही, समिति का पुनर्गठन हर तीन वर्ष में करना भी अनिवार्य होगा।
सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी में कहा गया है कि कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक सरकारी, अर्द्ध सरकारी कार्यालय, संगठन, निगम, प्रतिष्ठान, संस्थान और शाखा, जो सरकार द्वारा स्थापित है या जो सरकार के नियंत्रण में है, या जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार द्वारा संचालित है। उन सभी प्रतिष्ठानों में इस समिति का गठन अनिवार्य है, जिन्हे सरकारी धन प्राप्त होता है ।
निजी क्षेत्र के संगठन, उद्यम, गैर-सरकारी संगठन, समाज, ट्रस्ट, उत्पादन, वितरण और बिक्री में शामिल व्यवसाय, वाणिज्यिक, पेशेवर, शैक्षिक, मनोरंजन, औद्योगिक, स्वास्थ्य सेवाएं, वित्तीय परिचालन, अस्पताल, नर्सिंग होम, खेल सभी स्थानों जैसे संस्थानों, सभागारों, खेल परिसरों आदि पर भी इस समिति का गठन किया जाना आवश्यक है।
उल्लघंन करने पर होगी जुर्माने की कार्यवाही:
संबंधित प्रपत्र एवं नियम/अधिनियम हेतु विभाग की वेबसाईट www.wcd.gov.in, www.wcd.rajasthan.gov.in एवं www.shebox.wcd.gov.in पर विजिट करें एवं आंतरिक शिकायत समिति का गठन करके निर्धारित प्रपत्र में सूचना भरकर विभागीय मेल bundi.we@rajasthan.gov.in पर आवश्यक रूप से भिजवाये, अन्यथा जुर्माने की कार्यवाही की जायेगी। निजी संस्थाएँ www.shebox.wcd.gov.in खोलें और उसमें प्राईवेट हेड ऑफिस रजिस्ट्रेशन पर जाकर अपना विवरण डालकर सबमिट करें।
२. समिति की अध्यक्ष एक वरिष्ठ महिला कर्मचारी होंगी।
3. समिति में सामाजिक कार्यों या कानून में अनुभव रखने वाले दो स्टाफ सदस्य और महिला मुद्दों से संबंधित किसी गैर-सरकारी संगठन के सदस्य को शामिल किया जाना अनिवार्य होगा।
इस कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक भेरू प्रकाश नागर ने बताया कि प्रत्येक कार्यालय को अनिवार्य रूप से यह बताना होगा कि एक आंतरिक शिकायत समिति गठित की गई है। समिति के गठन की जानकारी कार्यालय के प्रमुख स्थान पर एक बोर्ड के माध्यम से अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करनी होगी। इसके साथ ही, समिति का पुनर्गठन हर तीन वर्ष में करना भी अनिवार्य होगा।
सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी में कहा गया है कि कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है। कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक सरकारी, अर्द्ध सरकारी कार्यालय, संगठन, निगम, प्रतिष्ठान, संस्थान और शाखा, जो सरकार द्वारा स्थापित है या जो सरकार के नियंत्रण में है, या जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार द्वारा संचालित है। उन सभी प्रतिष्ठानों में इस समिति का गठन अनिवार्य है, जिन्हे सरकारी धन प्राप्त होता है ।
निजी क्षेत्र के संगठन, उद्यम, गैर-सरकारी संगठन, समाज, ट्रस्ट, उत्पादन, वितरण और बिक्री में शामिल व्यवसाय, वाणिज्यिक, पेशेवर, शैक्षिक, मनोरंजन, औद्योगिक, स्वास्थ्य सेवाएं, वित्तीय परिचालन, अस्पताल, नर्सिंग होम, खेल सभी स्थानों जैसे संस्थानों, सभागारों, खेल परिसरों आदि पर भी इस समिति का गठन किया जाना आवश्यक है।
उल्लघंन करने पर होगी जुर्माने की कार्यवाही:
संबंधित प्रपत्र एवं नियम/अधिनियम हेतु विभाग की वेबसाईट www.wcd.gov.in, www.wcd.rajasthan.gov.in एवं www.shebox.wcd.gov.in पर विजिट करें एवं आंतरिक शिकायत समिति का गठन करके निर्धारित प्रपत्र में सूचना भरकर विभागीय मेल bundi.we@rajasthan.gov.in पर आवश्यक रूप से भिजवाये, अन्यथा जुर्माने की कार्यवाही की जायेगी। निजी संस्थाएँ www.shebox.wcd.gov.in खोलें और उसमें प्राईवेट हेड ऑफिस रजिस्ट्रेशन पर जाकर अपना विवरण डालकर सबमिट करें।