नई दिल्ली। सफेद बर्फ के लिए मशहूर आर्कटिक महासागर में अगर बर्फ ही नहीं होगी तो सोचो वहां का नजारा कैसा लगेगा। एक अध्ययन में अंदेशा जताया है कि आने वाले पांच से छह सालों में आर्कटिक महासागर से बर्फ खत्म होने लगेगी। नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आर्कटिक महासागर से 2027 तक सारी बर्फ पिघल सकती है।

 

करनी होगी कठोर कार्रवाई

 

शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो 20 सालों के अंदर हम बहुत बड़ी पर्यावरणीय क्षति होते हुए देखेंगे। जलवायु विज्ञानियों द्वारा किए गए अध्ययन में इस घटना की संभावित समयसीमा की भविष्यवाणी करने के लिए उन्नत सिमुलेशन का उपयोग किया गया है, जो क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन के तेजी से बढ़ते प्रभावों को उजागर करता है।

अध्ययन से निष्कर्ष

 

शोध में 11 जलवायु मॉडल और 366 सिमुलेशन का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण किया गया। इन मॉडलों से पता चला कि कम उत्सर्जन के परिदृश्यों के तहत भी, संभवतः 2030 के दशक के भीतर आर्कटिक को बर्फ-मुक्त दिन का सामना करना पड़ेगा। सबसे चरम सिमुलेशन में, यह तीन से छह साल की शुरुआत में हो सकता है। गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के जलवायु विज्ञान शोधकर्ता और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. सेलीन ह्यूज़े ने एक बयान में उन घटनाओं को समझने के महत्व पर जोर दिया जो इस तरह के अभूतपूर्व पिघलने को ट्रिगर कर सकते हैं।