भजनलाल कैबिनेट ने शनिवार को धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाने की मंजूरी दे दी। इसमें धर्मांतरण के साथ ही लव जिहाद रोकने के लिए भी सजा के कड़े प्रावधान होंगे। एससी- एसटी वर्ग को राहत देते हुए उन्हें अपने जमीन का उपयोग औद्योगिक गतिविधियों के लिए करने को भू- परिवर्तन कराने की छूट के साथ ही शुल्क में भी कमी की जाएगी। निवेशकों के लिए 9 नई नीतियों को मंजूरी दी गई है।
पाकिस्तान से सटे बॉर्डर इलाकों में फेंसिंग के पास रोड नेटवर्क विकसित करने को सस्ती दर पर भारत सरकार को जमीन आवंटित की जाएगी। जयपुर में होने के बावजूद कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा बैठक में नहीं पहुंचे। कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई। इसमें 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन, बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों के गठन के लिए अध्यादेश लाने की मंजूरी दी गई।
खेमराज समिति की सिफारिशों के अनुरूप राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 में संशोधन, विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन करने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राज्य में एक्सपोर्ट हब बनाने, स्थानीय पर्यटन, छोटे उद्योगों, स्थानीय शिल्प एवं कारीगरी, हथकरघा एवं एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति, निर्यात संवर्द्धन नीति, एक जिला एक उत्पाद नीति, राजस्थान पर्यटन इकाई नीति एवं एकीकृत क्लस्टर विकास योजना को मंजूरी दी गई।
उप मुख्यमंत्री बैरवा ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के लिये 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। आयोग की अवार्ड अवधि 1 अप्रेल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगी। आयुष विभाग में आयुर्वेद, यूनानी, होयोपैथिक चिकित्साधिकारी के पदों पर अब आरपीएससी के माध्यम से भर्ती परीक्षा होगी।
जमीन लीज पर दे सकेंगे एससी-एसटी वर्ग के किसान: एससी-एसटी वर्ग के व्यक्तियों को कृषि भूमि का अकृषि उपयोग के लिए भू-रूपांतरण कराने का लाभ नहीं मिल पाता है। इस वर्ग के किसान कृषि भूमि को अक्षय ऊर्जा परियोजना विकासकर्ता को लीज पर नहीं दे सकते हैं। मंत्रिमंडल ने भू-राजस्व नियम, 2007 में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके बाद एससी-एसटी वर्ग के काश्तकारों की कृषि भूमि का सोलर फार्म, सोलर प्लान्ट, सोलर पावर प्लान्ट, विंड फार्म, विंड पावर प्लान्ट के लिए रूपांतरण कराने पर पहुंच मार्ग होने की अनिवार्यता की बजाय मार्ग होने की स्वघोषणा ही पर्याप्त होगी। इसके साथ ही देय कन्वर्जन शुल्क में छूट मिलेगी।