कोटा में एक पिता के निधन पर 6 बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए मुखाग्नि दी। यह दृश्य देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। इन बेटियों ने न सिर्फ मुखाग्नि दी,बल्कि बेटों की तरह ही अर्थी को भी कंधा दिया। अर्थी के साथ घर से चलीं और शमशान घाट पहुंचकर पिता की मुक्ति के लिए हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराया। वही कुछ लोग इस दृश्य को देखकर फफक फफककर रो पड़े।यह नजारा कोटा के लाड़पुरा क्षेत्र में रामपुरा मुक्तिधाम में देखने को मिला। दरअसल, दिलीप चौरसिया (अजमेर वाले) लाड़पुरा क्षेत्र के निवासी थे। उनका मंगलवार को आकस्मिक देहावसान हो गया। दिलीप चौरसिया जी की 6 बेटियां हैं। बेटा नहीं है। इसलिए दिलीप ने ही बेटों की तरह ही अपनी बच्चियों की परवरिश की। अब उन्हीं बेटियों ने बेटों का फर्ज निभाया।