उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने राजस्थान की भजनलाल सरकार से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील दायर करने की मांग की है. शनिवार दोपहर उन्होंने एक्स पर लिखा, 'राजस्थान हाईकोर्ट ने 4 शब्दों को जातिसूचक की श्रेणी से हटा दिया है. अब भंगी, नीच, भिखारी, मंगनी कहने वाले लोगों पर SC/ST एक्ट की धारा नहीं लग पाएगी. इस फैसले से जातिवादी व असमाजिक तत्वों के हौंसले बढ़ सकते हैं. राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए आगे अपील में जाना चाहिए. बीएसपी की यह मांग हैमायवती ने आगे लिखा, 'देश के कई राज्यों में दलितों व आदिवासियों को उनका कानूनी अधिकार देना तो बहुत दूर, उनके खिलाफ जातिवादी द्वेष व जुल्म-ज्यादती की घटनाएं लगातार जारी हैं. चाहे भाजपा, कांग्रेस अथवा किसी अन्य विरोधी पार्टी की सरकार क्यों न हो, इसके प्रति समुचित संवेदनशीलता बरतना जरूरी.'राजस्थान हाईकोर्ट ने यह फैसला अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान विभाग के कार्मिकों से हुई बहस से जुड़े मामले में सुनाया है. जस्टिस बीरेन्द्र कमार की बैंच ने सुनवाई करते हुए इन शब्दों का इस्तेमाल करने वाले 4 आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धाराओं को हटा दिया है. अपीलकर्ताओं का कहना था कि पीड़ित की जाति के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी. यह तर्क दिया गया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि घटना सार्वजनिक रूप से हुई, गवाह महज अभियोजन पक्ष ही था. इसके बाद कोर्ट ने कहा, 'ये शब्द जातिसूचक नहीं हैं और न ही ऐसा कोई आरोप है कि चारों आरोपी पीड़ित की जाति के बारे में जानते हैं. जांच के बाद पुलिस ने आरोप को भी सत्य नहीं पाया.'