राज्य सरकार द्वारा विद्युत के क्षेत्र में भिन्न भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किए जा रहे है अंधाधुंध निजीकरण के विरोध में राजस्थान विद्युत सयुक्त संघर्ष समिति द्वारा जिला कलेक्ट्रेट व अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया गया।

 जिसमें पूरे जिले के सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों व अभियंताओं ने भाग लिया व निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त किया साथ ही सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती प्रारंभ कर विद्युत कर्मचारियो के लिए भी पुरानी पेंशन योजना ops लागू करने तथा आम उपभोक्ताओं के परिशर पर स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगाई जाने की मांग की गई सयुक्त संघर्ष समिति द्वारा बताया गया कि आज पूरे राजस्थान में सभी वृत कार्यालयों पर पुरजोर प्रदर्शन कर अतिरिक्त ऊर्जा सचिव को अधीक्षण अभियंता के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।

  प्रदर्शन में उपस्थिति सभी वक्ताओं ने आगाह किया कि निजीकरण का दुष्परिणाम बिजली कर्मचारियों के साथ आम उपभोक्ताओं को व किसानों को भी झेलना पड़ेगा अब देखना यह है कि आज के इस सफल प्रदर्शन को देखते हुए निगम प्रशासन व राज्य सरकार कर्मचारियों के भविष्य के लिए क्या नीति निर्धारित करती है उसी अनुरूप भविष्य में सयुक्त संघर्ष समिति द्वारा उग्र आंदोलन की रूप रेखा तैयार की जाएगी उक्त प्रदर्शन में भारतीय मजदूर संघ ,इंटक , rvtka, व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ, व इंजीनियर एसोसिएशन के सभी सयुक्त रूप से कार्यकर्ता उपस्थिति रहे, सैकड़ों के तादात में विद्युत कर्मचारी अधीक्षण अभियंता कार्यालय राजपेलेश के सामने से रैली के रूप में प्रारंभ होकर नारेबाजी करते हुए मिनी सचिवालय पहुंचे ओर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार जयपुर को भी श्रमिक हित में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।