केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग वाले प्रस्ताव को लेकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर निशाना साधा और दृढ़ता से कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) सुप्रीमो शरद पवार की चार पीढ़ियों के बाद भी पूर्ववर्ती अनुच्छेद को बहाल नहीं किया जाएगा.उन्होंने कहा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी ने अनुच्छेद 370 को वापस लाने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है. आज मैं संभाजी महाराज की धरती पर कह रहा हूं - शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पीढ़ियां आ जाएं, हम अनुच्छेद 370 को वापस नहीं आने देंगे." उन्होंने आगे पूछा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किया जाना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा, "एमवीए और उद्धव ठाकरे इस कदम का विरोध करते हैं, लेकिन नाम संभाजीनगर ही रहेगा."गृहमंत्री ने महा विकास अघाड़ी पर 'तुष्टीकरण की राजनीति' करने का आरोप लगाया. शाह ने कहा, "कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाए गए वक्फ बोर्ड के कुछ प्रावधानों से पूरा देश परेशान है. पीएम मोदी ने उसमें बदलाव लाने के लिए संसद में विधेयक पेश किया. कर्नाटक में मंदिरों और लोगों की जमीन समेत पूरे गांव को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया गया है." उन्होंने कहा, "मैं पवार साहब और उद्धव जी से पूछने आया हूं कि आप बिल का समर्थन करेंगे या विरोध. वे जवाब नहीं देंगे. अगर वे (महा विकास अघाड़ी) सत्ता में आते हैं, तो वे किसानों की जमीन को भी वक्फ बोर्ड के नाम पर ट्रांसफर करने का प्रयास करेंगे."

 

गृह मंत्री ने आगे कहा कि जब तक एनडीए सरकार सत्ता में है, तब तक सरकार किसी को भी मंदिरों और किसानों की जमीन को छूने नहीं देगी.

 

अयोध्या राम मंदिर पर बोलते हुए शाह ने कहा कि राम लला 500 साल से 'टेंट' में थे और कांग्रेस मंदिर निर्माण में देरी कर रही थी. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी सत्ता में आए और 5 साल में मंदिर के लिए भूमि पूजन किया. फिर उन्होंने निर्माण शुरू किया और प्राण प्रतिष्ठा की. शरद पवार, राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे समारोह में शामिल नहीं हुए क्योंकि उन्हें अपना वोट बैंक खोने का डर है. हमने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी बनाया है और सोमनाथ मंदिर सोने से बनने जा रहा है."