नेपाल के केंद्रीय बैंक नेपाल राष्ट्र बैंकने चीन की एक कंपनी को 100 रुपए के नए नेपाली नोट छापने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इन नोटों पर बने नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी इलाके को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। इस इलाके को लेकर भारत-नेपाल के बीच करीब 35 साल से विवाद है।रिपोर्ट के मुताबिक चीन के बैंक नोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशनकंपनी को नोट छापने का ठेका मिला है। चीन की कंपनी नेपाली नोट की नोट की 30 करोड़ प्रतियां छापेगी। इस पर करीब 75 करोड़ भारतीय रुपए का खर्च आएगा। यानी 100 रुपए के 1 नेपाली नोट छापने की कीमत करीब 2.50 भारतीय रुपए होगी। नेपाल में नेपाल राष्ट्र बैंक के पास नोटों के डिजाइन बदलने का अधिकार है। हालांकि, इसके लिए उन्हें सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है। नेपाल के मंत्रिमंडल ने इस साल मई में इस नोट के डिजाइन में बदलाव को मंजूरी दी थी।तब नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड प्रधानमंत्री थे। केपी शर्मा ओली इस सरकार का समर्थन कर रहे थे। 12 जुलाई को ओली ने प्रचंड सरकार सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। अब वे नेपाल के PM हैं। उनका समर्थन नेपाली कांग्रेस के नेता और पूर्व PM शेर बहादुर देउबा कर रहे हैं।नेपाल ने 18 जून 2020 को देश का नया पॉलिटिकल मैप जारी किया था। इसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था। इसके लिए नेपाल के संविधान में भी बदलाव किया गया था। तब भारत सरकार ने नेपाल के इस कदम को एकतरफा बताते हुए इसका विरोध किया था।

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