डेजर्ट नेशनल पार्क के नियमों के जाल में फंसी लगभग 137 किमी लंबी भारतमाला सड़क परियोजना के तहत सड़क निर्माण की अनुमति अब 5 साल बाद जाकर मिली है. पिछले दिनों पर्यावरण वन और जलवायु मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थाई समिति की बैठक में सड़क निर्माण की राह देख रहे डीएनपी वासियों को 16 शर्तों पर सड़क निर्माण की मंजूरी दे दी. पूर्व में यह 137 किलोमीटर लंबी सड़क 390 करोड़ से बनने वाली थी, लेकिन डीएनपी से एनओसी नहीं मिलने से इसका डब्ल्यूआईआई देहरादून की टीम से सर्वे करवाया गया. टीम ने सर्दी, गर्मी व बरसात के मौसम में इस सड़क का सर्वे कर रिपोर्ट एनएचएआई को सौंप दी है. रिपोर्ट में इस सड़क मार्ग पर वन्यजीवों की सहूलियत के लिए पूरी फेंसिंग, अंडरपास व फ्लाइओवर की मांग की है. इन सभी की संख्या भी बेहद ज्यादा है. ऐसे में इस सड़क निर्माण की कॉस्टिंग में 482 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई है. इस सड़क निर्माण का खर्च 390 करोड़ से बढ़कर 872 करोड़ तक कर दिया गया है. राष्ट्रीय मरू उद्यान संघर्ष एवं विकास समिति के अध्यक्ष जुगतसिंह सोढ़ा ने बताया कि डेजर्ट  नेशनल पार्क के सख्त नियमों की वजह से जैसलमेर से सुंदरा तक 137 किमी भारतमाला प्रोजेक्ट का काम 2018 से रुका हुआ है. समिति द्वारा लगातार प्रयास जारी थे, जो अब रंग लाए है. पहले अनुमति नहीं मिलने पर डब्ल्यूआईआई से सर्वे करवाया था. सर्वें के बाद इस प्रोजेक्ट में राशि की बढ़ोतरी हो गई है. हमने जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों से मिलकर आमजन की इस समस्या से अवगत करवाया था. इस सड़क के निर्माण से इस क्षेत्र में रहने वाले वाशिंदो को राहत मिलेगी.