रोडवेज बस पकड़ने यात्रियों को जाना पड़ता हैं तीन किलोमीटर दूर
केशवरायपाटन में धार्मिक नगरी के रूप में विख्यात केशवरायपाटन में प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही गायब दिखती है। केशवरायपाटन पंचायत समिति सदस्य देवकिशन मीणा ने बताया कि शहर के बस स्टैंड तक कोई भी बस आती ही नहीं है। रोडवेज बस शहर से 3 किमी दूर कोटा-लालसोट मेगा हाइवे से बसें सीधी निकल रही हैं। ऐसे में एक करोड़ रुपए से बनाए गए बस स्टैंड की उपयोगिता भी समझ से बाहर है। बसों के अभाव में बस स्टैंड वीरान दिखता है। इस गंभीर समस्या के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि हैं। इसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शुगरमिल चौराहे तक जाने के लिए यात्रियों को अलग से ऑटो का किराया देना पड़ रहा है।
कोटा कोटा से जयपुर, दिल्ली, सवाईमाधोपुर, अलवर मार्ग पर रोडवेज की बसों का संचालन हो रहा है। बसें सीधी मेगा हाइवे से निकल जाती है। इससे रोजाना काफी लोगों को ऑटो व निजी साधनों से 3 किमी दूर जाना पड़ता है। अगर कोई यात्री रात के समय कोटा या लाखेरी की ओर से आता है तो उसको शुगर मिल चौराहे पर उतार दिया जाता है। रात में ऑटो तक नहीं है। ऐसे में यात्रियों को पैदल ही सफर तय करना पड़ता है। इस अनदेखी का खामियाजा सबसे ज्यादा बुजुर्गों और महिलाओं को उठाना पड़ रहा है। केशवरायपाटन पंचायत समिति सदस्य देवकिशन मीणा ने बताया कि कार्तिक मास में केशवरायपाटन में भगवान केशव राय जी का मेला लगता है जिसमें बाहर से भी यात्री आते हैं अगर रोडवेज बस अंदर बस स्टैंड तक आए तो यात्रियों को लाभ मिलेगा।