पीएम नरेंद्र मोदी ने आज इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम ने 6G इंटरनेट और साइबर अटैक पर प्रमुखता से जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अकेले साइबर खतरे और चुनौतियों से नहीं निपट सकता है। टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक स्तर पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए यह मानक तय करने होंगे

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

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विश्व दूरसंचार मानकीकरण कार्यक्रम (डब्ल्यूटीएसए) के उद्घाटन अवसर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोई भी देश अकेले साइबर खतरे और चुनौतियों से नहीं निपट सकता है। क्योंकि जितने भी डिजिटल टूल्स और एप्लीकेशंस हैं, वो बंधन से परे हैं, किसी भी देश की सीमा से परे हैं। इसलिए अब डिजिटल टेक्नोलॉजी के वैश्विक फ्रेमवर्क व दिशा निर्देश तय करने का समय आ गया है।

साइबर अटैक से बचने के लिए बनें मानक

टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक स्तर पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, यह मानक तय करने होंगे और वैश्विक संस्थाओं को इसके महत्व का स्वीकारना होगा। इस कार्यक्रम में मौजूद 190 से अधिक देशों के नुमाइंदों से प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबर खतरों से निपटने के लिए हम ऐसे मानक बनाएं, जो समावेशी हों, सुरक्षित हों और भविष्य की हर चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो।

ये मानक अलग-अलग देशों के विविधीकरण का सम्मान भी करे। इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा, वैश्विक संस्थाओं को आगे बढ़कर जिम्मेदारी निभानी होगी। हमने जैसे नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए एक वैश्विक नियम बनाए हैं, वैसे ही फ्रेमवर्क की जरूरत डिजिटल दुनिया को भी है। इसके लिए डब्ल्यूटीएसए को और अधिक सक्रियता से काम करना होगा।