भाजपा राजस्थान के कोटा संभाग मीडिया संयोजक अरविंद सिसोदिया नें वरिष्ठजन नागरिकों की अपनों के ही द्वारा धोखधड़ी कर पैसा और संपति हड़पने की बढ़ती प्रवृति की रोकथाम हेतु हस्ताक्षरों की पुनःपुष्ठी का प्रभावी कानून बनाने और अमल में लानें के लिए , भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह , केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण , केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल , राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव आदि को ईमेल भेज कर कानून बनाने की मांग की है ।

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सिसोदिया नें ईमेल में लिखा है कि परिवारों में विकृत सोच के बढ़ते प्रभाव में बुजर्गों के मान सम्मान और सुरक्षा के लिए बहुआयामी खतरे , अपने ही परिजनों से उत्पन्न हो गए हैं । यह विषय अत्यंत गंभीर और त्वरित कार्यवाही हेतु अग्रेसित है।

उन्होंने कहा है कि आज सबसे ज्यादा असुरक्षित स्थिति, बुजुर्गों की हो गई है । जीवन के अंतिम समय में बुजुर्गों का समूह भयंकर यन्त्रणा को भोगते हुए मृत्यु को प्राप्त होता है । जो कि एक अभिशाप से कम नहीं है । इस वीभत्स स्थिति से समाज को बाहर निकालने के लिए व्यापक प्रबन्ध करने होंगे ।

सिसोदिया ने कहा है कि बुजुर्गों पर जबरिया दबाव बना कर हस्ताक्षर करवा लेना, धोके से हस्ताक्षर प्राप्त कर लेना, जबरिया सहमति प्राप्त कर लेना, एक आम समस्या हो गई है । इसके साथ ही झूठे मुकदमों के द्वारा समय नष्ट कर , बुजुर्गों को वाजिब हकों से भी बंचित किया जाता है । उन्हें जल्दी मरने के लिए मजबूर किया जाता है । इसलिये देश के बुजुर्गों की सुरक्षा पर व्यापक , बहुआयामी और प्रभावशाली सुरक्षातंत्र खड़ा किया जाना सुनिश्चित करें ।

सिसोदिया नें बताया कि सन्तानों द्वारा कलह का वातावरण बना कर संपत्ति हड़पने , हस्ताक्षर लेनें आधारकार्ड - पेनकार्ड हथियानें आदी की घटनाओं की बाढ़ आरही है जिसके चलते बुजुर्ग पेरलिक हो रहे मनोरोगी हो रहे हैं , आत्महत्या कर रहे हैं । यह सभी दुर्व्यवहार रोकने में वर्तमान व्यवस्था फैल हो रही है। इसलिए मजबूत सुरक्षा तंत्र की दरकार है ।जिस पर केंद्र और राज्य सरकारों को प्रभावी कार्य करना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि सक्षम अधिकारियों के द्वारा जब बुजुर्गों के हस्ताक्षरों की पुनःपुष्ठी की जाने की व्यवस्था हो तो धोखाधड़ी करने में रोक लगेगी और प्रशासनिक दृष्टि होने से अपराध करनें में रोकथाम आएगी , जिससे बुजुर्गों का जीवन कष्टमुक्त होगा , यह राजधर्म भी है ।

सिसोदिया नें मांगपत्र में निम्नलिखित मांगें लिखी हैं।

1- 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजन केद्वारा किसी भी तरह के संपत्ति हस्तांतरण और बड़ी राशि के हस्तांतरण पर हस्ताक्षर की रिचेकिंग व्यवस्था अनिवार्य करवाई जावे और इस हेतु प्रभावशाली सक्षम अधिकारीगण नियुक्त किये जावें , इनके साथ वरिष्ठजन टोली के सदस्य भी संयुक्त किये जावें ।

2- 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजन की किसी भी प्रकार की चल अचल संपत्ति और बहुमूल्य वस्तुओं के हस्तांतरण पर सक्षम अधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर या उपखण्ड अधिकारी की पूर्व अनुमति आवश्यक की जाए ताकि क्लेश उतपन्न कर वरिष्ठजनों की संपत्ति न हड़पी जा सके ।

3- बैंकिंग क्षेत्र में भी वरिष्ठजन विषयक लेन देन को निरापद बनाये जाने हेतु , वरिष्ठजन का संरक्षण करने वाले कानून तथा पाबन्दियां लगाई जाएं । ओटीपी व्यवस्था आधारित लेन - देन के द्वारा भी हड़पा होती है , जिसे रोकना आवश्यक है ।

4- अदालतों और सेमी अदालतों में भी बुजुर्गों से जुड़े मसलों और मुकदमों में अतिरिक्त संवेदनशीलता और सावधानी सहित बुजुर्गों के हित चिंतन के संरक्षण कानून