बाड़मेर,10 अक्टूबर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार गुरूवार को तालुका विधिक सेवा समिति, बाड़मेर की ओर से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सेंट पॉल स्कूल में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान कानून से जुड़े विविध पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

 इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सौदा ने कहा कि बालकों के लिए एक विशेष कानून किशोर न्याय ,बालकों की देख रेख और संरक्षण,अधिनियम 2000 बनाया गया है। इस अधिनियम के अन्तर्गत बालकों को अपराधी नहीं कह कर अपचारी बालक अथवा विधि विरूद्ध किशोर की संज्ञा दी गई है। उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए बालकों को हेलमेट लगाकर एवं वैद्य लाईसेंस होने पर ही वाहन चलाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कानून की जानकारी नहीं होना कानून से बचाव नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को कानून की जानकारी होनी चाहिए। साइबर अपराध के बढते दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराते हुए अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट वैदानी सिंह राजपुरोहित ने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए है। इसने हमारे जीवन में दोस्तों के साथ जुड़ने, नौकरी खोजने, व्यवसाय चलाने, खेल खेलने, शॉपिंग करने के तरीके को बदल दिया है। उन्होेंने कहा कि साइबर स्पेस के बढ़ते उपयोग ने हमें साइबर क्राइम के खतरों के प्रति सुभेद्य बना दिया है। यह आवश्यक है कि हम बाहरी डिजिटल दुनिया से वित्तीय लेन-देन, सोशल नेटवर्किंग, गेम खेलने या इंटरनेट पर चीजें खोजते समय सतर्कता और सावधानी बरतें। पैनल अधिवक्ता कुमार कौशल जोशी ने कहा कि मानसिक विमंदित व्यक्तियों के प्रति हमारे नैतिक जिम्मेदारी है कि इनके प्रति सहानुभूति बर्ताव हो और अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जाए। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यूनिसेफ जिला समन्वयक भाग्यश्री ने कहा कि संविधान में महिलाओं, बालिकाओं के लिए कई कानून बने हुए हैं, जिनकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। उन्होंने महिलाओं के कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए ‘‘गुड टच बैड टच’’ की जानकारी दी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने निःशक्त पेंशन योजना, विद्यार्थियों के लिए पालनहार योजना, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, विशेष योग्यजन छात्रवृत्ति योजना, विवाह अनुदान योजना समेत राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम की शुरूआत में हैंड कॉस्टेबल पदमपुरी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तालुका विधिक सेवा समितियों के माध्यम से पात्र व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सौदा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कृष्णा गुप्ता, अंकुर गुप्ता, , वैदानी सिंह राजपुरोहित ,कार्तिका गहलोत ,न्यायिक मजिस्ट्रेट राधिका सिंह चारण, ग्राम न्यायाधिकारी अनुभव तिवारी,सेंट पॉल स्कूल के पिं्रसिपल फॉदर थॉमस, हैंड कॉस्टेबल पदमपुरी एवं दुर्ग सिंह, यूनिसेफ जिला समन्यवक भाग्यश्री, तालुका विधिक सेवा समिति के सचिव रेंवताराम, पैरा लीगल वॉलेन्टियर्स जसराज ,सरोज एवं स्कूल के शिक्षकगण उपस्थित रहें। कार्यक्रम के अंत में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के पोस्टर का विमोचन करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस कार्यक्रम में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान विद्यार्थियों को विधिक जानकारियों से संबंधित पेम्पलेट एवं ब्रोशर बांटे गए। शिविर का संचालन शिक्षिका ग्लोरिया ने किया।