कोटा शहर में कोचिंग स्टूडेंटों के कोटा में आने का क्रम निरंतर जारी रहे, इसके लिए मंथन जरूरी है, हमारा सकारात्मक रुझान जरूरी है, हमें एक बार फिर से पुरजोर तरह से इस दिशा में काम करना जरूरी है, किसी भी सेक्टर में हम आगे बढे लेकिन कोचिंग हमारी लाइफ लाइन है, हमारा भविष्य है, हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य है, इसके लिए एक बार फिर से हम सभी को साथ खडेÞ होकर इस दिशा में काम करना होगा तभी हम बचेंगे और कोटा को बचा सकेंगे। रोटरी बिनानी सभागार में मंगलवार को नागरिक मंच की और से मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने अपने विचार रखे और आ रही कमियों को दूर करने के लिए अपने सुझाव दिए। मंच के अध्यक्ष नरेश जैन ने अवगत कराया कि सालों से कोटा में लोग कोचिंग पर निर्भर रहे हैं और आज भी हैं, इस समय जो माहौल बन रहा है उसे दूर करने की जिम्मेदारी हम सभी की है। हम सभी के प्रयास होंगे तो हम एक बार फिर से सिरमोर बनेंगे। जो भी समस्याएं आ रही है उन्हें हम सब मिलकर दूर करेंगे। नरेश जैन ने कहा कि स्टूडेंट कोटा में आएंगे तो इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे और कोटा का भविष्य सुरक्षित होगा। इस अवसर पर कई लोगों ने अपने सुझाव दिए, किसी ने अपने कडवे अनुभव सांझा किए तो किसी ने वर्तमान में कैसे स्टूडेंट की संख्या को बढाया जा सकता है इस पर अपनी बात रखी। कोटा में ढेड़ साल के अंतराल में ऐसा वातावरण बना जिससे कोटा कोचिंग पर सुसाईड के नाम पर कोटा कोचिंग को बरबाद करने का प्रयास किया। जबकि कोटा में पढ़ाई की क्वालिटी में कोई गिरावट आई और ना कोई कमी हुई। कोटा शहर में कोचिंगों संस्थानों के माध्यम से बाहर से आने वाले छात्रों का कोटा में काफी पैसा आया और यहां की इकोनोमी डवलप हुई।

आज कोटा का हर व्यक्ति डाइरेक्ट इनडाइरेक्ट रूप से कोटा से जुड़ा हुआ है। 70 प्रतिशत इकोनोमी कोचिंग पर निर्भर है। यहां पर जब छात्र स्टेशन पर उतरता है तो आॅटो रिक्शा, हॉस्टल, खाने वाले, हॉस्टल पर कार्य करने वाले सब व्यवसाय से इसके बाद कोचिंग में फीस जमा करना और वह पेसा कोटा की अर्थव्यवस्था में घूमता है। कोटा कोचिंग की शिक्षा नगरी की पहचान बनाने में भी मीडिया का अहम योगदान रहा। अगर सभी मिलकर एकसूत्र में कार्य करेंगे तो वापस कोटा को उचाईयां दे सकते है। यही हमारी मानवीयता के अनुसार जिम्मदोरी है। कोटा में आज कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों पर सरकार का पूरा ध्यान है और कोई केस होता है तो पुलिस उसकी कार्यवाही करती है दोषी को सजा देती है। जब सभी कार्य कर रहे है तो हम मीडिया के माध्यम से हम गलत गतिविधियों को रोक उससे गलत वातावरण नहीं बनेगा और यह हमें करना चाहिये। हम सभी संकल्पित होकर सार्थक प्रयास करेंगे तो कोटा की छवि को कोई धुमिल नहीं कर सकता।