हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों के नतीजों का यूपी की राजनीति पर भी सीधा और गहरा असर होगा। यहां के नतीजे, लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली हार और एग्जिट पोल के नतीजों से हतोत्साहित भाजपा का यूपी में न केवल मनोबल बढ़ाएंगे, बल्कि उत्साह के साथ आगे बढ़ने की ताकत भी मिलेगी।वहीं, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में सीटों के बंटवारे को लेकर INDI गठबंधन में शुरू हुई तकरार से यूपी में सपा और कांग्रेस के राजनीतिक रिश्तों पर भी असर पड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन चुनावों के नतीजों से भाजपा के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव के लिए भाजपा की राह अब पहले से आसान होगी। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की हार के बाद से सरकार के मंत्रियों से लेकर कार्यकर्ताओं तक का मनोबल गिर गया था। आरक्षण और संविधान को लेकर विपक्ष की ओर से भाजपा के खिलाफ सेट नरेटिव के बीच सरकार के मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता भी खुले आम कहने लगे थे कि 2027 का चुनाव आसान नहीं होने वाला है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव की घोषणा से लेकर एग्जिट पोल तक जिस तरह माहौल भाजपा के खिलाफ बना था, उससे भी कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव आने लगा था। लेकिन, हरियाणा में भाजपा को मिली अप्रत्याशित जीत और जम्मू-कश्मीर में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन ने यूपी में भी भाजपा और योगी सरकार को शक्ति दी है। इससे बीजेपी में नया आत्मविश्वास आएगा। दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम से आगामी विधानसभा उप चुनाव में भाजपा के पक्ष में माहौल बनेगा। वहीं, जो कार्यकर्ता सक्रिय नहीं थे, उन्हें फिर ऊर्जा मिलेगी।

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