बूंदी। जिले के सदर थाने में दर्ज बजरी परिवहन के चर्चित मामले में तालाब गांव निवासी आरोपी जब्बार पुत्र हिदायत अली की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट खंड पीठ ने 50 हजार रूपये के व्यक्तिगत बांड, 25 हजार रूपयें के दो जमानत मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। याचिका कर्ता कि ओर से अधिवक्ता देवेन्द्र शर्मा, सतीश चंद्र पचोरी ने पैरवी की। यह मामला न्यायालय के आदेश पर सीबीआई की एन्ट्री के बाद चर्चा में आया था।
बतादें, कि सदर थाना बूंदी में 26 सितंबर 2023 को अवैध बजरी परिवहन की एफआईआर दर्ज कि गई थी। जिसमें सह अभियुक्त शारूख (चालक) की जमानत 23 नवंबर 2023 को ही हो चुकी थी। उसके बाद आरोपी वाहन मालिक जब्बार को 21 फरवरी 2024 को गिरफतार किया था, जिला सत्र न्यायालय बूंदी ने 9 फरवरी 24 को सुनवाई करते हुए उसकी जमानत खारीज कर दी थी। तथा मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। तब से ही जब्बार जैल में बंद था। मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरों (सीबीआई) की 11 सदस्यी टीम बजरी माफियाओं से गठजोड़ के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर साक्ष्य जुटाने तालाब गाँव आई थी। गौरतलब है कि राजस्थान में अवैध बजरी खनन और माफिया से जुड़े सभी मामलों की जांच के लिए हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश देते हुए इन मामलों की जांच करके 4 सप्ताह में कोर्ट में प्राथमिक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। जस्टिस समीर जैन की कोर्ट ने बजरी के अवैध खनन और परिवहन से जुड़े आरोपी जब्बार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए थे।

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