राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में कहा- यह गर्व की बात है कि जिनको यहां मेडल दिया जा रहा है उनमें भी बेटियों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा के सशक्तिकरण की बात कही।उन्होंने छात्रों से कहा कि ऐसा कोई काम ना करें जिससे उनके चरित्र पर दाग लगे। इस विश्वविद्यालय से राजनीति, शिक्षा, प्रशासनिक क्षेत्र में निकलने वालों की प्रभावशाली सूची है। इसमें पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी शामिल हैं।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद ऑडिटोरियम मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा- आज बेटियां सभी क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं। वे समाज और राष्ट्र के लिए आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राणा सांगा, महाराणा प्रताप और मीरा का का यह क्षेत्र शक्ति और भक्ति का संगम है। मुझे बताया गया कि आज मैडल पाने वालों में बेटियों की संख्या ज्यादा है। छात्र तो बधाई के हकदार हैं ही लेकिन बेटियों को भी मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि यह तेजी से बदलाव का समय है, जो ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हो रहा है। उन्होंने छात्रों को हमेशा 'छात्र की भावना' बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि निरंतर कड़ी मेहनत और समर्पण उन्हें जीवन भर मदद करेगा। राष्ट्रपति ने छात्रों को अपनी महत्वाकांक्षाओं और सामाजिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता एक प्राकृतिक गुण है। कुछ लोग परिवेश, शिक्षा और संस्कारों में व्याप्त कारणों से अंध स्वार्थ की राह अपना लेते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरों का भला करने से किसी का कल्याण आसानी से हो जाता है।राष्ट्रपति ने छात्रों से आग्रह किया कि वे ऐसा कोई काम न करें जिससे उनके चरित्र पर दाग लगे। उन्होंने कहा कि उच्चतम नैतिक मूल्य उनके व्यवहार और कार्यशैली का हिस्सा होने चाहिए। उनके जीवन के हर पहलू में ईमानदारी होनी चाहिए। उनका प्रत्येक कार्य न्यायसंगत एवं नैतिक होना चाहिए।