ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। मद्रास हाईकोर्ट ने 30 अक्टूबर को पुलिस से कहा था कि ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज क्रिमिनल केसों की डिटेल दें।इस आदेश के अगले दिन 1 अक्टूबर को 150 पुलिसकर्मियों ने आश्रम की तलाशी ली थी। आश्रम में रहने वालों और कमरों की भी जांच की गई थी।सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के पुलिस को दिए आदेश पर रोक लगा दी है। CJI चंद्रचूड़ ने दो महिला संन्यासियों से अपने चेंबर में भी चर्चा की।मामला तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ लगाए गए आरोपों से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आश्रम ने उनकी बेटियों को बंधक बना लिया है। ईशा फाउंडेशन के खिलाफ तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने फाउंडेशन के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि फाउंडेशन में उनकी दो बेटियों को बंधक बनकर रखा गया है। उन्हें तुरंत मुक्त कराया जाए।कामराज ने कहा है कि ईशा फाउंडेशन ने उनकी बेटियों का ब्रेनवॉश किया, जिसके कारण वे संन्यासी बन गईं। उनकी बेटियों को कुछ खाना और दवा दी जा रही है, जिससे उनकी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो गई है।