जिला प्रशासन के निर्देश पर एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की ओर से निशुल्क रिफ्रेशर गेटकीपर ट्रेनिंग का आयोजन जवाहर नगर स्थित एलन समुन्नत कैम्पस के समरस ऑडिटोरियम में किया गया। इस सेशन में करीब 700 फैकल्टीज शामिल हुए।
प्रशिक्षण में कोचिंग सेंटर्स के लिए मुख्य नोडल अधिकारी सुनीता डागा, एसडीएम व नोडल अधिकारी गजेन्द्र सिंह, एलन कोटा के प्रसीडेंट विनोद कुमावत व क्यूपीआर गेटकीपर सर्टिफाइड ट्रेनर डॉ.हिमांशु शर्मा शामिल रहे। सभी प्रशिक्षणार्थियों से प्रशिक्षण पूर्व और प्रशिक्षण पश्चात फीडबैक भी लिया गया।
इस अवसर पर मुख्य नोडल अधिकारी सुनीता डागा ने कहा कि कोटा स्टूडेंट्स के लिए सबसे उपयुक्त शहर है। इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए इससे बेहतर केयरिंग कहीं नहीं होती। यह बात साबित भी हो रही है। जिला प्रशासन जिला कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी के निर्देशन में पूरी सजगता से काम कर रहा है। फैकल्टीज का बहुत महत्वपूर्ण दायित्व इसलिए होता है क्योंकि वे स्टूडेंट्स से सीधे संवाद में रहते हैं। ऐसे में वे स्टूडेंट्स को समझेंगे और सचेत रहेंगे तो पूरा सिस्टम सशक्त हो जाएगा। हम बेहतर केयर कर पाएंगे।
नोडल ऑफिसर गजेन्द्र सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन विद्यार्थियों को सकारात्मक माहौल देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। प्रयास किए जा रहे हैं कि हर विद्यार्थी तक पहुंचा जाए। उन्हें बेहतर सुविधाएं दी जाएं। किसी भी तरह की शिकायत हो तो उसका निवारण तुरंत किया जाए। इसमें हर वर्ग को अपना पूरा प्रयास करना होगा। जिला प्रशासन के साथ कोचिंग संस्थान, हॉस्टल, मैस से जुड़े हर व्यक्ति को आगे आकर जिम्मेदारी लेनी होगी।
एलन कोटा प्रसीडेंट विनोद कुमावत ने कहा कि एलन जिला प्रशासन के साथ मिलकर हर कार्य को समर्पित तरीके से करने के लिए तत्पर है। विद्यार्थियों की सकारात्मक माहौल में पढ़ाई हो और यहां उन्हें देश का बेस्ट एनवायरमेंट मिले। यह एलन का प्रयास रहता है। एलन पर भी विद्यार्थियों की हर समस्या के समाधान के लिए समर्पित तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं और इसमें फैकल्टीज का पूरा योगदान रहता है। स्टूडेंट टीचर मीटिंग के माध्यम से हम प्रत्येक विद्यार्थी से संवाद स्थापित कर उसके बारे में जानकारी लेते हैं।
डॉ.हिमांशु शर्मा ने कहा कि कोटा में सर्वाधिक गेट कीपर ट्रेनिंग दी गई। इसका असर भी नजर आया है और हर वर्ष यह गेट कीपर ट्रेनिंग दी जाएगी। यह रिफ्रेशर सेशन है, जिनकी ट्रेनिंग को एक वर्ष हो चुका है, उन्हें दुबारा से ट्रेनिंग दी जा रही है। इसका उद्देश्य यही है कि हम सजग रहते हुए विद्यार्थियों की मदद करें। ट्रेनिंग में दी जा रही जानकारी को हमेशा दिमाग में रखें और कुछ भी ऐसा प्रतीत हो तो संबंधित विभाग को सूचित करें ताकि समय रहते एक्शन लिया जा सके।