शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर शनिवार को अश्विन कृष्ण एकादशी पर महादान उत्सव मनाया गया। इस दौरान दानगढ़ और मानगढ़ का मनोरथ हुआ। प्रभु निज चौक में विराजे। ठाकुर जी को गिरिराज के बीच पधराया गया। इस दौरान मंदिर में केले के पत्ते, पुष्प और मालाओं से सुंदर सजावट की गई थी। ठाकुर जी के दान मनोरथ पर दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही और जयकारे गूंजते रहे। 

इस अवसर पर प्रभु को मुकुट काछनी का भारी शृंगार धराया गया। साथ में, दही की मटकी फोड़ने के लिए लंबी लकुटी भी रखी गई। भोग सेवा में शाकघर का महादान अंगीकार कराया गया। प्रभु को केसरिया दही, श्रीखंड, खट्टा मीठा दही का बटेरा, गोरस की हांडी आरोगाई। इस दौरान गोरधन के राग के भाव से कीर्तन के पद गूंज रहे थे। प्रभु के ठाकुर जी के पीछे सुंदर पिछवाई धराई गई। जिसमें दान लीला के भाव से कलश लेकर खड़ी गोपियों का चित्रांकन किया गया था। प्रभु को सफेद रंग का गादी तकिया धराए गए। साथ में गोपी ग्वाल भी सजाए गए थे।