भारत का पहला शुक्र मिशन मार्च 2028 में लॉन्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 19 सितंबर को इस मिशन की मंजूरी दी। यह मिशन चार साल का होगा। वीनस यानी शुक्र ग्रह धरती से करीब 4 करोड़ किमी दूर है।वीनस को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह भी कहा जाता है। हालांकि, यहां का दिन-रात पृथ्वी की तुलना में काफी लंबा होता है। दरअसल वीनस अपनी धुरी पर बहुत धीमे घूमता है। इसकी वजह से वीनस का एक दिन पृथ्वी के 243 दिनों के बराबर होता है। भारत का यह मिशन वीनस के ऑर्बिट का अध्ययन करेगा। ग्रह की सतह, वायुमंडल, ऑयनोस्फियर (वायुमंडल का बाहरी हिस्सा) की जानकारी जुटाएगा। वीनस सूर्य के नजदीक (करीब 11 करोड़ किलोमीटर) है। ऐसे में सूर्य का इस पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसका भी पता लगाएगा। वीनस ग्रह को अक्सर पृथ्वी का जुड़वां कहा जाता है क्योंकि यह आकार और डेंसिटी (घनत्व) के मामले में पृथ्वी जैसा है। इसलिए, वीनस के अध्ययन से पृथ्वी के विकास को समझने में मदद मिल सकती है। माना जाता है कि वीनस पर भी कभी पानी था, लेकिन अब यह सूखा और धूल भरा ग्रह बन गया है।

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