बूंदी। विश्वभर में ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण व हैरिटेज महत्व के लिए स्थापित संस्था यूनेस्को ने राव सूरजमल जी की छतरी को ध्वस्त करने की घटना को गंभीरता से लिया है। बुधवार को छतरी स्थल पर यूनेस्को की टीम ने सर्वे कर इस छतरी के ऐतिहासिक महत्व को जानने का प्रयास किया, साथ ही छतरी के स्थापत्य कला के महत्व को जानने का प्रयास किया। युवा शक्ति संयोजन के ध्वजवाहक शक्ति सिंह बांदीकुई ने टीम को सामाजिक शख्सियत कृष्णवर्धन सिंह के सानिध्य में पूर्व प्रधान बंथली सरपंच श्याम सिंह राजावत, चैन सिंह हाड़ा, महिपाल सिंह रिसंदा, राघवेंद्र सिंह, जगन्नाथ बंजारा, कमलेश मेघवाल व ग्रामीणों के साथ राव सूरजमल जी के इतिहास, छतरी के धार्मिक महत्व, स्थापत्य शैली और सामाजिक भावना से रूबरू करवाने का प्रयास किया व उपलब्ध साक्ष्य उपलब्ध करवाए। 100 साल पुरानी किसी भी धरोहर को धराशाही करना अपराध की श्रेणी में है, इस बारे देश के सर्वाेच्च न्यायालय के भी निर्देश है, हम उम्मीद करते है कि यूनेस्को की टीम तथ्यों को मजबूती से आगे पेश करेगी।