तिरुपति प्रसादम में मिलावट की घटना से सनातन धर्मावलंबियों में रोष
विप्र फाउंडेशन ने ज्ञापन सौंप कर की ’सनातन संरक्षण बोर्ड’ की मांग

बून्दी। तिरुपति प्रसादम की घटना से उपजे विवाद के संबंध में विप्र फाउंडेशन प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर सनातन संरक्षण बोर्ड का गठन की मांग की।
प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण मुरारी चतुर्वेदी बताया कि जिस प्रकार से तिरुपति मंदिर में प्रसाद की जो घटना सामने आई है, उससे समस्त सनातन धर्मावलम्बियों की धार्मिक भावनायें आहत हुई है और सीधा सीधा धार्मिक आस्था को चोट पहुँची है। इन्होंने ज्ञापन सौंप कर प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस कृत्य में शामिल ट्रस्ट व सरकार के पदाधिकारियों को कठोर से कठोर दण्ड दिया जाएं।
साथ ही विप्र फाउंडेशन ने सनातन संरक्षण बोर्ड के गठन की मांग करते हुए कहा कि इस बोर्ड में सभी अधिग्रहित मंदिरों व हिन्दू धार्मिक ट्रस्ट में सनातन धर्मावलम्बी हिन्दू पदाधिकारी ही नियुक्त किये जायें, जो अधीनस्थ इन सब ट्रस्ट व अधिग्रहीत मंदिरों की व्यवस्थाओं की देख रेख करें। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने बाजारों में पूजा का घी नाम से बिक रहे द्यी उत्पाद की जाँच करवा कर उसे प्रतिबंधित करवाने की भी मांग की।
इस दौरान विप्र फाउंडेशन प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण मुरारी चतुर्वेदी, संरक्षक ज्योतिशंकर शर्मा, मुख्य संरक्षक नवल किशोर शर्मा, जिलाध्यक्ष रामचरण श्रृंगी, बार एसोसिएशन अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा, अनन्त दाधीच, प्रदेश संगठन मंत्री गिरीश ओझा, युवा प्रकोष्ठ के ऋषभ शर्मा, एडवोकेट अशोक वशिष्ठ, संजय शर्मा, प्रेममोहन गौड, श्रृंगी समाज अध्यक्ष रमाकांत श्रृंगी, रूपचंद श्रृंगी, सूरज प्रकाश श्रृंगी, अशोक श्रृंगी, शहर अध्यक्ष मेघराज शर्मा, महेंद्र शर्मा माटूंदा, पं. महावीर प्रसाद गौत्तम, इंद्रदत्त राजौरा आदि मौजूद रहे।