राजधानी जयपुर में बजरंग दल की दो दिवसीय अखिल भारतीय बैठक 21 और 22 सितंबर को जयपुर में आयोजित हो रही है। कार्यक्रम में सभी प्रांतों के सौ से अधिक प्रमुख कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। आयोजित बैठक में भाग लेने पहुंचे विश्व हिंदू परिषद् के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने शनिवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए श्री तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी वाले घी के प्रयोग पर कड़ी आपत्ति जताई। साथ हीं उन्होंने मंदिर, धर्मांतरण और लव जिहाद पर खुलकर अपनी बात रखी।उन्होंने कहा- तिरूपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाले घी के मिलावट की घटना सामने आई है, बहुत दु:खद है। यह घटना हिंदू समाज को अपमानित करने वाली है। इससे सभी पीड़ित है। जिन लोगों ने भी ऐसी सामग्री का प्रसाद में उपयोग करने की साजिश रची है उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। विश्व हिंदू परिषद ऐसी घटनाओं की घाेर निंदा करता है। मंदिरों का संचालन सरकार का काम नहीं है। विश्व हिंदू परिषद की मांग है कि देश के मंदिरों का संचालन हिंदू समाज के हाथों में सौंप देना चाहिए। भारत के दक्षिण हिस्से में हजारों मंदिर सरकारी नियंत्रण में है। उनके संपत्तियों का भी उचित उपयोग नहीं हो रहा है। जो हिंदू नहीं है उनको भी उसका लाभ मिल रहा है। मंदिरों की संपत्ति का मैनेजमेंट सही से नहीं हो रहा है। हमारी यह मांग है कि सभी मंदिर का संचालन केवल हिंदू समाज को ही करना चाहिए। सरकार को मंदिरों का नियंत्रण छोड़ देना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद इसके लिए एक मॉड्यूल बनाकर काम भी कर रही है।उन्होंने कहा- सरकार किसी भी दल की हो हिंदू हित से खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए। हिंदू हित ही देश हित है। हर राज्य के सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो भी नीति निर्धारण हो उनको इसी प्रिंसिपल के तौर पर होना चाहिए कि हिंदू हित हो रहा है कि नहीं। हिंदू हित हो रहा है तो देश हित हो रहा है। इन सामान्य बातों को अगर लेकर चलेंगे तो देश में बहुत सारी बात ठीक हो जाएगी।