इस वर्ष कोटा बूंदी सहित सम्पूर्ण हाड़ोती में किसानों द्वारा धान की फसल की बंपर पैदावार की गई हे अकेले बूंदी जिले 50 प्रतिशत के बराबर पैदावार हे नहरी पानी और अच्छी बारिश के कारण धान का रकबा बड़ा है ऐसी स्थिति में क्षेत्र के आर्थिक चक्र को मजबूत करने के लिए अब किसानों को उनकी फसल का उचित भाव मिलने का इंतजार हे। हर वर्ष क्षेत्र के किसानों को धान में हरियाणा पंजाब सहित देश की अन्य मंडिया की तुलना में काफी नुकसान उठाना पड़ता हे, भावों में अंतर एक हजार रु प्रति क्विंटल से भी अधिक हो जाता हे जबकि हमारे क्षेत्र के धान की क्वालिटी अन्य जगहों की तुलना से बेहतर हे। उचित भावों के निर्धारण की मांग को लेकर क्षेत्र के किसान प्रतिनिधियों की बैठक के. पाटन क्षेत्र में आयोजित हुई जिसमे निर्णय लिया गया की सरकार से मांग की जाएगी की क्षेत्र के धान उत्पादक किसानों के नीति बनाई जाए जिससे क्षेत्र के किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़े । युवा किसान नेता किसान मोर्चा पूर्व जिलाध्यक्ष गिर्राज गौतम ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा की केंद्र सरकार ने किसानों की मांग को और भावनाओं को समझते हुए धान पर से निर्यात प्रतिबंध(एम ई पी) को पूरी तरह से समाप्त कर दिया हे जो एक महत्वपूर्ण निर्णय हे इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा और धान के भावों में तेजी आएगी लेकिन हमारे क्षेत्र में धान उत्पादको के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई जिससे किसानों को इसका लाभ उतना नहीं मिल पाता जितने अन्य राज्य के धान उत्पादको को मिलता है। गौतम ने कहा की किसी भी कीमत पर देश की अन्य मंडिया से कम भाव कोटा बूंदी की मंडियों में नहीं होना चाहिए इसी मांग को लेकर क्षेत्र के किसान प्रतिनिधि 20 सितंबर को सम्भगीय आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर नीति निर्धारण की मांग करेंगे साथ ही आगामी रणनीति की घोषणा भी करेंगे। गौतम ने कहा की किसी भी कीमत पर हाड़ोती के किसानों के साथ शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा साथ उन्होंने मांग की ही की क्षेत्र के सोयाबीन उत्पादक किसानों को 6000 प्रति क्विंटल भाव मिलना चाहिए जिससे उनकी लागत निकल सके। बैठक को किसान नेता सूरज मल नागर, भंवर लाल चौधरी, रूप शंकर सुमन, देवी शंकर परमार, सरदार हरजिंदर सिंह, जसवीर सिंह रामस्वरूप पहाड़, पुष्पचंद गुर्जर, जसपाल सिंह, निर्मल सिंह, चंद्र प्रकाश मालव, सत्तू सिंह, राम मुरारी शर्मा सहित कई किसान प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।