ऑनलाइन कॉलिंग के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं तो ध्यान दें। कॉलिंग के साथ आपको पीयर-टू-पीयर कनेक्शन की सुविधा मिलती है। इस डायरेक्ट कनेक्शन के साथ डेटा ट्रांसफर फास्ट हो जाता है साथ ही कॉल की क्वालिटी भी बेहतर हो जाती है। हालांकि इसका सबसे बड़ा नुकसान ही यह है कि कॉल करने वाले एक-दूसरे पार्टिसिपेंट को एक-दूसरे के आईपी एड्रेस की भी जानकारी होगी।

क्या आप जानते हैं वॉट्सऐप पर कॉलिंग के दौरान आपका आईपी एड्रेस ट्रैक हो सकता है। जी हां, अगर आप अभी तक वॉट्सऐप पर कॉलिंग के दौरान अपने आईपी एड्रेस को प्रोटेक्ट नहीं कर रहे हैं तो आपकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

ऑनलाइन कॉल कैसे होती है कनेक्ट

यहां समझने की जरूरत है कि कॉलिंग के साथ आपको दूसरे प्लेटफॉर्म पीयर-टू-पीयर कनेक्शन की सुविधा देते हैं। इस डायरेक्ट कनेक्शन के साथ डेटा ट्रांसफर फास्ट हो जाता है साथ ही कॉल की क्वालिटी भी बेहतर हो जाती है।

हालांकि, इसका सबसे बड़ा नुकसान ही यह है कि कॉल करने वाले एक-दूसरे पार्टिसिपेंट को एक-दूसरे के आईपी एड्रेस की भी जानकारी होगी। ऐसा कॉल डेटा पैकेट को सही डिवाइस तक डिलीवर करने के लिए जरूरी होता है। आईपी एड्रेस विजिबल होने का मतलब जिओग्राफिकल लोकेशन और इंटरनेट प्रोवाइडर की जानकारी लीक होने से समझ सकते हैं।

ठीक इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए वॉट्सऐप अपने यूजर्स को कॉलिंग के दौरान आईपी एड्रेस प्रोटेक्ट करने की सुविधा फीचर (Protect IP Address In Calls) को इनेबल करने के साथ देता है। जैसे ही फीचर ऑन हो जाता है वॉट्सऐप यूजर की कॉल वॉट्सऐप सर्वर के जरिए दूसरे यूजर तक पहुंचती है।

फीचर के साथ एक वॉट्सऐप यूजर दूसरे का आईपी एड्रेस नहीं देख पाता है। वॉट्सऐप का कहना है कि यह फीचर वॉट्सऐप यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए ही लाया गया है।

दो लोगों के बीच की बात रहेगी सीक्रेट

ध्यान दें, अगर आपको लग रहा है कि वॉट्सऐप सर्वर के जरिए दूसरे यूजर तक कॉल पहुंचने का मतलब वॉट्सऐप को कनवर्सेशन में शामिल करना है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दो लोगों की बातचीत के बीच वॉट्सऐप शामिल नहीं होगा। वॉट्सऐप इस फीचर को लेकर साफ कहता है कि वॉट्सऐप आपकी बात कभी भी नहीं सुनेगा। कॉल एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड ही रहेंगी।