रैवासा पीठ के उत्तराधिकारी मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज की आज (15 सितंबर 2014) चादरपोशी होगी। इसके बाद वे सीकर में भगवान राम के सबसे पुराने मंदिर रैवासा के जानकीनाथ मंदिर के 18वें पीठाधीश्वर बन जाएंगे। कहा जाता है 1517 में बना जानकीनाथ का सबसे पुराना मंदिर यही है। पीठ के संस्थापक अग्रदेवाचार्य को साक्षात सीताजी के दर्शन का जिक्र भी मिलता है।कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू होगा इसमें देशभर के संत-महंत आएंगे। कार्यक्रम में सीएम भजनलाल शर्मा भी शामिल होंगे। सीएम दोपहर 1:30 बजे तारपुरा हवाई पट्टी पर पहुंचेंगे। इसके बाद वे सड़क मार्ग से रैवासा धाम पहुंचेंगे। दोपहर 3 बजे सीएम तारपुरा हवाई पट्टी से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। योग गुरु स्वामी रामदेव और बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री भी आ सकते हैं। मंदिर की डेढ़ बीघा भूमि में बड़ा पंडाल लगाया गया है। 30 नवंबर 2015 को ब्रह्मलीन हुए डॉ. स्वामी राघवाचार्य ने 9 साल पहले 2015 में अपनी वसीयत में राजेंद्र दास महाराज को पीठ का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। 30 अगस्त को रैवासा धाम के पीठाधीश्वर महंत राघवाचार्य का निधन हो गया था।