समाज को अंधविश्वास कुरीतियों व पाखंड के विरुद्ध सजग करने के लिए अन्ध विश्वास निवारण चेतना सप्ताह के अंतर्गत आर्य समाज द्वारा गुरु विरजानंद स्कूल रोजड़ी कोटा में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए आर्य उप प्रतिनिधि सभा कोटा संभाग के प्रवक्ता आचार्य अग्निमित्र शास्त्री ने बताया ने बताया कि अंधविश्वास निवारण चेतना सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार को गुरु विरजानंद स्कूल कोटा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बालक बालिकाओं को संबोधित करते हुए आर्य उप प्रतिनिधि सभा कोटा संभाग के प्रधान अरविंद पाण्डेय ने कहा कि अंधविश्वास मन मस्तिष्क में भय आशंका पैदा कर जीवन की सोच को नकारात्मक बनता है। वैज्ञानिक प्रगति के बाद भी डॉक्टर, इंजीनियर, राजनेता, व्यापारी आदि सभी समुदायों में अंधविश्वास बढ़ता जा रहा है। पाण्डेय ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में भी अल्प समय में सफलता व उन्नति के लिए अंधविश्वासों को अधिक मान्यता मिली है, ईश्वरीय सत्ता एवं स्वयं पर विश्वास के साथ अंधविश्वासों से बचा जा सकता है। कार्यक्रम में आर्य विद्वान द्वारका प्रसाद तिवारी ने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने अंधविश्वास व कुरीतियों के विरुद्ध समाज को जाग्रत किया। महर्षि दयानंद सरस्वती ने वैदिक साहित्य व सत्यार्थ प्रकाश के स्वाध्याय से अंधविश्वासों से बचने का उपाय बताया। गुरु विरजानन्द स्कूल के निदेशक श्री श्याम कुशवाह ने भय व तनाव में ओम का जाप व गायत्री मंत्र के उच्चारण पर बल दिया। प्राचार्य विनोद कुशवाह ने आर्य समाज के सदस्यों का धन्यवाद व्यापित किया गया।