बूंदी। कोविड-19 से संक्रमित होकर इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज, कोटा में 18 मई 2021 को महावीर शर्मा, कनिष्ठ सहायक, ग्राम पंचायत बसवाड़ा धरावन, पंचायत समिति के. पाटन, जिला बूंदी की मृत्यु हो गई। राज्य और केंद्र सरकार के आदेशानुसार, मृतक की पत्नी को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 के नियम 75 के तहत 20 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि दी जानी थी। यह राशि पंचायत राज विभाग को शीघ्रता से जारी करनी थी, लेकिन विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली से सरकारी कार्यालयों की लापरवाही उजागर हो रही है।

अनुग्रह राशि स्वीकृति के लिए 2 वर्ष 2 माह 20 दिन के बाद, 7 अगस्त 2023 को, पंचायती राज विभाग, जयपुर द्वारा 50 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई। इसके बावजूद, 50 लाख रुपये की राशि का भुगतान करने में भी 7 महीने 7 दिन का समय लग गया। जबकि, इसी स्वीकृति में 20 लाख रुपये के भुगतान के नियम भी स्पष्ट रूप से अंकित थे, परंतु आज तक वह राशि भी नहीं मिल पाई है।

मृतक की पत्नी द्वारा 20 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि के लिए आवेदन करने पर, विकास अधिकारी, के. पाटन ने 7 मार्च 2022 को सीईओ, जिला परिषद बूंदी को आवेदन भेजा। इसके बाद, जिला परिषद ने 7 जुलाई 2023 को 1 वर्ष 4 महीने बाद इस आवेदन को पंचायती राज विभाग, जयपुर को अग्रेषित किया। जयपुर द्वारा मांगी गई सूचना 1 वर्ष 7 महीने बाद भेजी गई। इसके बाद भी, विकास अधिकारी ने मृतक की पत्नी से पुनः प्रपत्र 17 प्राप्त कर, 21 फरवरी 2024 को सीईओ, जिला परिषद बूंदी को भेजा। यह अवधि भी 7 महीने बीत गई, फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।

समाजसेवी मूलचंद शर्मा ने इस लापरवाही के विरुद्ध मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मुख्य सचिव सुधांश पंत को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र भुगतान और दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। इसके बावजूद, संपर्क पोर्टल के माध्यम से प्राप्त सूचना के अनुसार, 12 अगस्त 2024 को प्रकरण विकास अधिकारी, पंचायत समिति, के. पाटन से प्राप्त कर, 16 अगस्त 2024 को पंचायती राज विभाग, जयपुर को भेजा गया है। अब यह देखना बाकी है कि कब तक 20 लाख की अतिरिक्त अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाता है।