पिछली सरकार की योजनाओं पर कैंची के बीच बच्चों का पोषण भी उलझता जा रहा है। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को पौष्टिक खाने के साथ साथ मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत दिया जाने वाला दूध अब नहीं मिल रहा। इस योजना के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों और मदरसों में कक्षा आठवीं तक पढ़ने वाले 70 लाख विद्यार्थियों को प्रतिदिन मिल्क पाउडर को प्रोसेस कर दूध तैयार कर पिलाया जाता था। नए शिक्षा सत्र से विद्यार्थियों को दूध नहीं दिया जा रहा है। इसकी वजह है दूध पाउडर की आपूर्ति नहीं होना। शिक्षा विभाग करीब दो महीने पहले इस बाबत राज्य सरकार को बता चुका है लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका। पिछली सरकार के समय शिक्षा सत्र 2023- 24 में सरकारी स्कूलों में एक साथ पूरे सत्र की जरूरत के हिसाब से मिल्क पाउडर की आपूर्ति की गई थी। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूली विद्यार्थियों को मोटा अनाज देने का भी ऐलान हुआ है लेकिन अब सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को न दूध मिल रहा है और मोटा अनाज। उधर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि पाउडर का दूध बच्चों को पसंद नहीं आ रहा है इसलिए इस योजना में बदलाव किया जाएगा। मोटे अनाज पर विचार किया जा रहा है। हांलाकि अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं।