साल 2024 देशवासियों के लिए कठिन रहने वाला है। इस साल गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, वहीं मॉनसून भी जबरदस्त रहा है। तो अब कड़ाके की ठंड के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि, भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि इस साल ठंड अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी। देश में मानसून देर से आया है, लेकिन दुरुस्त आया। सितंबर में भी अच्छी बारीश का अनुमान जताया जा रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने सर्दियों के लिए भी भविष्यवाणी कर दी है. ला नीना का सबसे ज्यादा असर आने वाले ठंड के मौसम पर पड़ेगा। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि ला नीना से लेकर बंगाल की खाड़ी तक आने वाला तूफान उत्तर भारत में और ठंड लाएगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के निदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने भविष्यवाणी की है कि मानसून पर ला नीना का कोई खास असर नहीं पड़ा है, लेकिन अगर सर्दी से पहले ला नीना की स्थिति बनती है तो दिसंबर के मध्य से जनवरी तक हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ने वाली है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में पश्चिमी प्रशांत महासागर में सतह का तापमान औसत से ऊपर है। पूर्व औसत के निकट या नीचे है। दो तापमान चरम सीमाओं के बीच बहुत तटस्थ (न तो अल नीनो, न ही ला नीना) स्थितियां होती हैं। ला नीना की स्थिति केवल मानसून के अंतिम सप्ताह या उसके बाद ही विकसित होगी। सितंबर से नवंबर के बीच ला नीना होने की 66 प्रतिशत संभावना है। सर्दियों में नवंबर से जनवरी तक 25 को उत्तरी गोलार्ध में रहने की 75 प्रतिशत से अधिक संभावना होती है। मौसम विभाग का कहना है कि ला नीना का भारत के मानसून पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. यह सितंबर से नवंबर के बीच होगा. तब तक मानसून का मौसम खत्म हो जाएगा. इसका असर दक्षिण भारत के मानसून पर पड़ने की संभावना है, क्योंकि यहां अक्टूबर के अंत से मानसून शुरू हो जाता है। ला नीना बंगाल की खाड़ी में समुद्री तूफान की गतिविधि को बढ़ाता है और उत्तर भारत में भीषण ठंड लाता है।