एक मानसिक समस्या है, जिससे इन दिनों कई लोग परेशान हैं। ऐसे में डिप्रेशन की पुष्टि होने पर लोग साइकेट्रिस्ट या मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की मदद लेते हैं और इससे उबरने के लिए तरह-तरह की थेरेपी लेते हैं। डिप्रेशन जैसी समस्या से राहत पाने के लिए कई तरह की थेरेपी मौजूद हैं, लेकिन इसके अलावा कुछ अन्य चीजों की मदद से भी आप इस समस्या से डील कर सकते हैं।

न्यूट्रिशन और एक्सरसाइज, दो ऐसी चीजें हैं, जो डिप्रेशन के लिए एक थेरेपी की तरह काम कर सकते हैं। हालांकि कुछ लोगों को ऐसा लग सकता है कि इससे मानसिक स्वास्थ्य का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन सच्चाई ये है कि न्यूट्रिशन और एक्सरसाइज दोनों ही मेंटल हेल्थ में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए जानते हैं कैसे-

डिप्रेशन में कैसे असरदार न्यूट्रिशन और एक्सरसाइज

  • कोई एक विशेष आहार या फूड के सेवन से डिप्रेशन को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, फैटी एसिड, कॉम्प्लेक्स कार्ब्स से भरपूर डाइट ब्रेन की फंक्शनिंग में सुधार करती है और डिप्रेशन से निपटने में मदद करती है।
  • कार्ब्स ब्रेन को ग्लूकोज और एनर्जी देते हैं, जिससे फील गुड हार्मोन सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इससे मूड फ्रेश होता है। हालांकि, अनहेल्दी कार्ब्स को खाने से बचें। हेल्दी कार्ब्स चुनें जैसे साबुत अनाज, सब्जियां और फल।
  • प्रोटीन बनाने वाले अमीनो एसिड ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर को बनाने में मदद करते हैं, जैसे फील गुड हार्मोन सेरोटोनिन एक ट्रिप्टोफैन नाम के अमीनो एसिड से बनता है। डोपामाइन एक फील गुड हार्मोन है, जो फेनिलएलानिन नाम के अमीनो एसिड से बनता है। इस तरह प्रोटीन ऐसे हार्मोन के उत्पादन में मदद करता है, जिससे इंसान को अच्छा महसूस हो और डिप्रेशन दूर हो।
  • स्वस्थ ब्रेन और बेहतर मेंटल हेल्थ के लिए ओमेगा थ्री फैटी एसिड से भरपूर डाइट लेना भी बेहद जरूरी होता है, क्योंकि शरीर ये खुद से नहीं बना पाता है और सिर्फ खाने से ही ये शरीर को मिलता है। इसलिए फैटी एसिड रिच डाइट भी डिप्रेशन से निपटने में मदद करती है।
  • इसी तरह एक्सरसाइज भी डिप्रेशन के लिए एक एंटी-डिप्रेसेंट का काम करता है। एक्सरसाइज वैसे भी डायबिटीज, हाइपरटेंशन, स्ट्रोक, हार्ट अटैक जैसी ढेर सारी बीमारियों से बचाव करता है, लेकिन इन सबके साथ ही ये मेंटल हेल्थ को भी सुधारता है।
  • एक्सरसाइज करने के दौरान शरीर में एंडोर्फिन नाम के फील गुड केमिकल बनते हैं, जो मूड में सुधार लाते हैं। एक्सरसाइज करने के बाद मिलने वाले सकारात्मक परिणाम से भी डिप्रेशन दूर होता है और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होते देख कर मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होते जाता है।