Pranab Mukherjee: 22 जुलाई 2012... इसी दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कई बार केंद्रीय मंत्री रह चुके प्रणब मुखर्जी को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का राष्ट्रपति चुना गया था। वे इस पद पर पूरे पांच साल तक रहे। लोग उन्हें 'प्रणब दा' भी कहकर बुलाते थे। उनसे पहले प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) देश की राष्ट्रपति थीं। आइए, आज प्रणब दा के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं...
प्रणब मुखर्जी का जन्म कब और कहां हुआ था? (Pranab Mukherjee Biography)
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को बंगाल के बीरभूम जिले के मिराती गांव में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी और माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था।
प्रणब मुखर्जी की पढ़ाई कहां से हुई? (Pranab Mukherjee Education)
प्रणब मुखर्जी की पढ़ाई बीरभूम के सूरी विद्यासागर कॉलेज से हुई। यह कॉलेज उस समय कलकत्ता यूनिवर्सिटी का हिस्सा था। उन्होंने बाद में राजनीति विज्ञान और इतिहास में एमए की डिग्री हासिल की। उनके पास एलएलबी की भी डिग्री थी।
प्रणब मुखर्जी की शादी कब हुई? (Pranab Mukherjee Wife Son Daughter)
प्रणब मुखर्जी की शादी 13 जुलाई 1957 को सुव्रा मुखर्जी से हुई, जिनकी 18 अगस्त 2015 को 74 साल की उम्र में मौत हो गई। दोनों के दो बेटे और एक बेटी हैं। बेटों का नाम अभिजीत और इंद्रजीत है। अभिजीत कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। बेटी का नाम शर्मिष्ठा मुखर्जी है, जो कत्थक नृत्यांगना हैं।
प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कब की? (Pranab Mukherjee Political Career)
प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1967 में बांग्ला कांग्रेस के संस्थापक सदस्य के रूप में की। उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रणब मुखर्जी पहली बार राज्यसभा के लिए कब चुने गए?
प्रणब मुखर्जी पहली बार 1969 में बांग्ला कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा के लिए चुने गए। इंदिरा गांधी ने 1972 में बांग्ला कांग्रेस का कांग्रेस में विलय करवा दिया, जिसके बाद प्रणब दा कांग्रेस में शामिल हो गए।
प्रणब मुखर्जी राज्यसभा के लिए कब-कब चुने गए?
प्रणब मुखर्जी सबसे पहले राज्यसभा के लिए 1969 में चुने गए। इसके बाद वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर से उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुए।
प्रणब मुखर्जी राज्यसभा में सदन का नेता कब बने?
प्रणब मुखर्जी 1979 में राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता बने। इसके बाद 1980 में उन्हें सदन का नेता बनाया गया। वे प्रधानमंत्री की गैर-मौजूदगी में कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता करते थे।
प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के महासचिव कब बने?
प्रणब मुखर्जी 1998-99 में कांग्रेस के महासचिव बने। इसके बाद 2000 में उन्हें बंगाल का अध्यक्ष बनाया गया। वह 2010 तक इस पद रहे। इससे पहले, 1985 में उन्होंने इस पद पद कार्य किया था।
प्रणब मुखर्जी ने पहली बार लोकसभा का चुनाव कब और कहां से जीता?
प्रणब मुखर्जी ने पहली बार 2004 में बंगाल की जंगीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीता, जिसके बाद उन्हें सदन का नेता बनाया गया। उन्होंने 2009 में भी यहां से जीत दर्ज की। कांग्रेस के 2004 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जब सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया तो प्रणब दा को इस पद का दावेदार माना जाने लगा, लेकिन उनकी बजाय डॉक्टर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री चुना गया।
प्रणब मुखर्जी ने कौन-कौन से मंत्रालय संभाले?
प्रणब मुखर्जी ने डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में रक्षा, वित्त और विदेश मामले समेत कई हाई-प्रोफाइल मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। वे 2012 तक कांग्रेस के सदस्य रहे।