कांग्रेस राज में बनाए गए 17 जिलों और तीन संभागों का रिव्यू करके हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी के चेयरमैन पूर्व आईएएस ललित के पंवार ने शुक्रवार शाम को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार को रिपोर्ट सौंपी। पंवार कमेटी ने गहलोत राज के जिलों का रिव्यू करके हर नए जिले की जरूरत, उसके मापदंडों पर खरा उतरने, प्रशासनिक जरूरत और उससे पड़ने वाले वित्तीय भार पर अपनी रिपोर्ट दी है।सूत्रों के मुताबिक पंवार कमेटी ने कई छोटे जिलों को जिले के मापदंडों के हिसाब से सही नहीं माना है। कई जिलों को प्रशासनिक जरूरत, दूरी के हिसाब से उपयुक्त नहीं माना है। कमेटी ने सीधे तौर पर जिले खत्म करने की सिफारिश नहीं की है, लेकिन मापदंडों पर खरा नहीं उतरने का जिक्र करके तथ्यात्मक ब्योरा दे दिया है।ललित के पंवार ने कहा- हमें चार बिंदुओं पर रिपोर्ट देने को कहा था। हमने प्रशासनिक क्षेत्राधिकार, सुचारू संचालन, प्रशासनिक आवश्यकता, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के बिंदुओं के आधार पर रिपोर्ट दी है। गहलोत राज में बने जिलों को लेकर ललित के पंवार कमेटी ने सभी जिलों का दौरा करके रिपोर्ट लेने के साथ लोगों से मुलाकात की। कमेटी से 45 विधायकों, 5 सांसदों, 12 जिला प्रमुखों, 25 प्रधानों सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुलाकात कर सुझाव और मांगें रखीं। बीजेपी विधायकों ने गहलोत राज के कई छोटे जिलों की बाउ्ंड्री पर आपत्ति जताते हुए नए इलाके जोड़ने और हटाने पर भी सुझाव दिया है। पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर अब डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब कमेटी ​गहलोत राज के जिलों के भविष्य का फैसला करेगी। कमेटी की अगले सप्ताह बैठक होनी है। इस बैठक में पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा होगी। कैबिनेट सब कमेटी पंवार कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जिलों को खत्म करने या बरकरार रखने पर फैसला करेगी।a