वर्धमान सागर यात्रा संघ शुक्रवार को परसोला पहुंची जहां सभी यात्रियों ने जैन समाज के राष्ट्रीय संत आचार्य वर्धमान सागर महाराज के श्रीफल चढ़ाकर जयकारों के साथ दर्शन किए। जैन समाज के प्रवक्ता राकेश संघी ने बताया कि यात्रा संयोजक विमल जोला के नेतृत्व में सभी यात्रियों ने गाजे बाजे के साथ एक सूत्र में बंद कर आचार्यश्री के चरणों में निवाई आने के लिए निवेदन किया। आचार्य वर्धमान सागर महाराज ने सभी यात्रियों को आशीर्वाद प्रदान किया। इसके बाद हुकुमचंद जैन, महेंद्र चवरिया, अजीत काला, हितेश छाबड़ा, विमल सोगानी व दिनेश सोगानी ने आचार्य वर्धमान सागर महाराज के सानिध्य में जिनेंद्र भगवान का शांतिधारा पंचामृत अभिषेक के साथ कलशाभिषेक कर पूजा अर्चना की। उन्होंने बताया कि संघ में विराजमान हितेंद्र सागर महाराज से विश्व शांति के लिए अहिंसा एवं जीओ और जीने दो पर चर्चा की गई। आचार्य वर्धमान सागर ने कहा कि जिस प्रकार मित्र को देखकर आपको प्रसन्नता होती है उसी प्रकार मंदिर में भगवान को देखकर भी आपको बहुत प्रसन्नता होनी चाहिए क्योंकि भगवान हमारे परम मित्र है। उन्होंने कहा कि भगवान की वाणी जिनवाणी है जो आचार्यों द्वारा लिखी गई है। आपको भगवान की वाणी पर श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए। इससे पूर्व वर्धमान सागर यात्रा संघ आचार्य सुंदर सागर महाराज के दर्शन करने के बाद आर्यिका भारतेश्वरी माता जी के दर्शन किए। माताजी के सानिध्य में सभी श्रद्धालुओं ने भगवान पारसनाथ की शांतिधारा के साथ कलशाभिषेक कर पूजा अर्चना की।