UPSC ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री भर्ती के लिए 45 पोस्ट पर वैकेंसी निकाली थी। इसे अब रद्द कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन को नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा। PM मोदी के कहने पर यह फैसला बदला गया है।इस वैकेंसी का राहुल गांधी ने भी विरोध किया था। राहुल ने कहा था- लेटरल एंट्री के जरिए खुलेआम SC-ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है। मोदी सरकार RSS वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है।राहुल गांधी को जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पूर्व PM मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही 1976 में फाइनेंस सेक्रेटरी, मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) चीफ बनाया गया।कांग्रेस ने लेटरल एंट्री की शुरुआत की थी। अब PM मोदी ने UPSC को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री सिस्टम को व्यवस्थित बनाया है। पहले की सरकारों में लेटरल एंट्री फॉर्मल सिस्टम नहीं था। अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में और राजीव गांधी ने विपक्ष का नेता रहते हुए लोकसभा में OBC आरक्षण का विरोध किया था। लेटरल एंट्री सभी के लिए खुली है। सभी वर्ग के लोग अप्लाय करते हैं। उनका दावा है कि हम आरक्षण खत्म कर रहे हैं। जब आप भर्ती कर रहे थे तो आप क्या कर रहे थे।कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि अचानक राहुल गांधी का OBC के प्रति प्रेम सामने आ गया है। वे SC, ST और OBC छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। साथ ही UPSC जैसी संस्थाओं की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे है।

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