बून्दी। एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार वर्षा जल सरंक्षण की दिशा मे जागरूकता अभियानो व निर्माण कार्यो पर करोडो रूपये खर्च कर रही है इसके कुछ हद तक बेहतर परिणाम भी सामने आ रहे है वही कुछ जगहो पर वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर लीपापोती हो रही है इसके विपरित रियासतकालीन कुंए बावडियो को वर्षा के जल से भरने की दिशा मे बूंदी गढ व तारागढ प्रबंधन ने अभिनव पहल करते हुये गढ मे स्थित रियासतकालीन कुंए बावडियो बारिश के पानी से भरकर वर्षा के जल को संचयन करने का बीडा उठाया है जिससे बारिश का पानी व्यर्थ न बहे और बूंद बूंद पानी का संचय हो सके।  
इसी दिशा मे गढ प्रबंधन ने गढ मे स्थित कुंए बावडियो को पुर्नजीवित करने की दिशा मे अभियान शुरू करते हुये पुरानी तकनीको के जरिये गढ मे बारिश के दौरान बहने वाले पानी को कुंड बावडियो मे सहेजने की पुरानी तकनीको पर काम शुरू कर दिया है। अभियान के पहले चरण मे प्रबंधन द्वारा गढ पैलेस के मुख्य द्वार के दांयी और बनी रियासतकालीन मोती कुंुआ मे बारिश के पानी को डालने के लिये गढ के मुख्य गेट के पास दीवार का निर्माण करवाया है इससे बारिश का पानी काफी हद तक दीवार के सहारे बावडी ( मोतीकुंआ ) मे जायेगा इसके लिये बावडी के पुराने छेदो को भी रिपेयर करवाया गया है। इसका प्रयोग शनिवार से किया जाकर बारिश के पानी को बावडी मे डाला गया है सोमवार तक हुई बारिश मे इससे वर्षो से सूखी रियासतकालीन बावडी मे 3 फीट पानी की आवक हुई है। 
इस काम आयेगा बावडी का पानी
वर्षा जल के संचयन होने के बाद बावडी के पानी को फील्टर कर टयूरिस्टो के लिये उपयोग मे लिया जायेगा वही गढ के उपरी छोर चित्रशाला, हाथीपोल तक विधुत मोटर के जरिये पानी तक पहुंचाया जायेगा। इससे गढ पैलेस मे लगातार बनी रहने वाली पानी की कमी की पूर्ति हो सकेगी। रियासत काल मे गढ पैलेस मे इसी बावडी का उपयोग पीने के पानी व अन्य कार्यो मे किया जाता था। गढ प्रबंधन की अभिनव पहल मे गाइड ऐसोसिएशन भी सहयोग कर रही है। उल्लेखनीय है कि गढ के कुंए बावाडियो के पानी को सहेजने व उन्हे शुद्व रखने की दिशा मे गढ प्रबंधन ने साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया है। 
इनका कहना हैै..........................
गढ पैलेस मे निर्माण कार्यो, हाथीपोल व चित्रशाला मे बने उधानो मे पानी की आपूर्ति सहित गढ के उपरी हिस्सो मे पर्यटको के पीने के पानी की उपलब्धता मे बावडी के भरने से काफी मदद मिलेगी। धीरे धीरे गढ पैलेसे व तारागढ की सभी कुंए बावडियो को साफ सफाई करवाकर बारिश के पानी से भरने का प्रयास किया जायेगा वही रियासत कालीन मोती कुंआ का जीर्णाद्वार भी करवायेगे। जेपी शर्मा, प्रबंधक गढ पैलेस