अगले महीने राज्यसभा की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद NDA को सदन में बहुमत मिलने की उम्मीद है। इससे वक्फ (संशोधन) बिल जैसे अहम बिलों को मंजूरी दिलाने में मदद मिल सकेगी। 9 राज्यों खाली हुईं 12 राज्यसभा सीटों पर 3 सितंबर को उपचुनाव होंगे।इसमें भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को 11 सीटें मिलने की उम्मीद है। इस तरह NDA 245 सदस्यों वाले सदन में 122 सीटें हासिल कर लेगा। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने और केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं, इसलिए वहां की 4 सीटें खाली हैं।इससे राज्यसभा की मौजूदा स्ट्रेंथ 241 रह जाती है। जब तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं हो जाते, तब तक ये सीटें खाली रहेंगी। अभी राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 121 है। लिहाजा उपचुनाव के बाद NDA राज्यसभा में बहुमत हासिल कर सकता है।राज्यसभा से 4 नामित सदस्य 13 जुलाई को रिटायर हुए हैं। इन सीटों पर भी सदस्यों के नामित होने के बाद यह संख्या 126 हो जाएगी। चुनाव आयोग ने 7 अगस्त को राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया था। इनमें 2-2 सीटें असम, बिहार, महाराष्ट्र में और 1-1 सीट हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा में खाली हुई है। नतीजे भी उसी दिन यानी 3 सितंबर को शाम 5 बजे सामने आएंगे।इन 12 सीट में से भाजपा और सहयोगी दलों को 7 राज्यों से सीटें मिलने की उम्मीद है। NDA को बिहार, महाराष्ट्र और असम से 2-2 और हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से 1-1 राज्यसभा सीट मिल सकती है।इसके अलावा माना जा रहा है कि जिन 6 लोगों को राज्यसभा में नॉमिनेट किया गया है, वे भी सरकार का समर्थन करेंगे। सामान्य रूप से राज्यसभा में नामित सदस्य स्वतंत्र होते हैं, लेकिन परंपरागत रूप से वे उसी पार्टी का समर्थन करते हैं, जिस पार्टी की सरकार ने उन्हें नॉमिनेट किया है।