राजधानी जयपुर के कानोता बांध में पिकनिक मनाने के लिए छह दोस्त पहुंचे तो उन्हें क्या पता था कि यह उनका आखिरी साथ है। अब वह कभी एक साथ नहीं रह पाएंगे। कानोता बांध में एक साथी को बचाने के प्रयास में पांच दोस्तों की डूबने से मौत हो गई। एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम ने काफी प्रयासों के बाद देर रात पांचों युवकों के शव बांध से बाहर निकाले। पुलिस ने सभी शवों को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए। जहां आज पोस्टमार्टम के बाद शप परिजनों को सौंपे जाएंगे। जयपुर के शास्त्रीनगर और झोटवाड़ा के रहने वाले 6 युवक रविवार को कानोता बांध पर घूमने गए थे। तभी नहाते समय एक साथी डूब गया। जिसे बचाने के प्रयास में पांच साथ पानी में कूद गए। हालांकि, इनमें से एक राज बृजवासी जैसे-तैसे सुरक्षित बाहर निकल आया। उसकी चीख पुकार सुनकर मौके पर भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम भी मौके पर पहुंच गई।एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमों ने शाम को सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जो देर रात तीन बजे तक जारी रहा। आखिरकार, करीब 9 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सफलता हाथ लगी। टीम ने हर्ष नागौरा, विनय मीना, विवेक माहोर, अजय माहोर और हरकेश मीना के शव देर रात बांध से बाहर निकाले और एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। रात में बच्चों की तलाश के लिए ड्रेगन लाइट का सहारा लिया गया। पुलिस ने जब घर वालों को इसकी सूचना दी तो उनके पैरों की जमीन खिसक गई। एक बार तो उन्हें विश्वास ही नही हुआ कि उनके बेटे पानी में डूब गए। रोते बिलखते वह बांध पर पहुंचे तो वहां कोहराम मच गया। हर कोई पानी में डूबने वाले दोस्तों की बात करता हुआ नजर आया। बांध पर पिकनिक मनाने आए लोगों का कहना था कि ऐसी दोस्ती नही देखी। साथी को बचाने के लिए यह भी परवाह नही की उन्हें तैरना नहीं आता है और वह डूब गए तो बाहर कैसे आएंगे। जिस समय लोग कानोता बांध की रपट पर नहा रहे थे। उसी दौरान यह हादसा हुआ। नहा रहे लोगों का कहना था कि एक बार तो उन्हें विश्वास ही नही हुआ कि कुछ देर पहले साथ नहा रहे बच्चे इस तरह डूब जाएंगे। बांध पर नहाने गए लोगों को भी तैरना नहीं आता था।

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