एक ओर भजनलाल सरकार ने जहां राजस्थान के नए जिलों को वित्तीय शक्तियों से महरूम रखा तो दूसरी ओर स्वाधीनता दिवस के मौके पर कई नए जिलों में झंडारोहण के लिए मंत्रियों की ड्यूटी लगा दी है। राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल के 24 सदस्यों को 24 जिला स्तरीय कार्यक्रमों में झंडारोहण के लिए अधिकृत किया है। इनमें पांच जिले नए और 19 पुराने जिले हैं। शेष बचे 26 जिलों में संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर झंडारोहण करेंगे। हालांकि, सरकार के इस फैसले को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं भी खूब हैं। नए जिलों के गठन को लेकर सरकार समीक्षा भी कर रही है। इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी भी बनी हुई है। इसके अलावा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में भी एक कमेटी भी समीक्षा कर रही है। वहीं, पांच नए जिलों में ही मंत्री झंडारोहण करने क्यों जा रहे हैं। दिलचस्प यह भी है कि प्रदेश में करीब एक दर्जन पुराने और बड़े जिले ऐसे हैं, जहां पर झंडारोहण के लिए किसी भी मंत्री की ड्यूटी नहीं लगाई गई है, जबकि पूर्व में इन जिलों में मंत्री ही ध्वजारोहण करते आए हैं। नए जिलों में डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा दूदू, अविनाश गहलोत ब्यावर, जवाहर सिंह बेढ़म डीग, केके बिश्नोई सांचौर और गजेंद्र सिंह खींवसर फलौदी में झंडारोहण करेंगे। हालांकि राजधानी जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा झंडारोहण करेंगे। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं।