कोटा हाड़ौती की प्रथम आर के पुरम त्रिकाल चौबीसी प्रणेता संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य समाधिस्थ परम पूज्य मुनिश्री 108 चिन्मय सागर जी महाराज (जंगल वाले बाबा) की जन्म जयंती 6 अगस्त (मंगलवार) के अवसर पर प्रातः 8:45 से आर के पुरम जैन मंदिर त्रिकाल चौबीसी कोटा में श्री शांति मंडल विधान का आयोजन श्रद्धा भक्ति भाव और समर्पण के साथ श्री चिन्मयसागर भक्त परिवार कोटा द्वारा किया गया।सुनील जैन संगीतकार के भाव भरे भजनों पर सभी ने खूब नृत्य किया।विधान के समय राम रतन जैन संजय निर्माण मनोज बकलीवाल राज कुमार वेद सागर मल जैन सतीश जैन अशोक रावतभाटा उपस्थित थे।*
*विधान के बाद अल्प आहार की व्यवस्था की गई। संजय जैन निर्माण ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवम मंदिर समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार को जानकारी देते हुवे बताया कि मुनिश्री जंगल वाले बाबा ने वर्ष 2007 मे कोटा मे चातुर्मास किया और कोलीपुरा (रावतभाटा रोड) के जंगलो मे साधना की वर्ष 2008 मे 22 जनवरी 2008 से 29 जनवरी 2008 तक आर के पुरम त्रिकाल चौबीसी का भव्य पंचकल्यांक हर्षोल्लास के वातावरण में कराया । वर्ष 2010 मे पारस चैनल की प्रेरणा एवं आशीर्वाद दिया 24 दिनों तक नियम संलेखना को धारण किया और 7 दिनों तक यम संलेखना को धारण किया 18 अक्टूबर 2019 को इस नशवर शरीर का त्याग कर दिया । सबसे बड़ी बात यह रही कि जिस जगह जन्म हुआ वही समाधि सल्लेखना हुई।वर्ष 1988 मे सोनागिरी मे आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज से दीक्षा को अंगीकार किया और 2019 मे समाधी मरण को प्राप्त किया 31 बर्ष की साधना मे 31 दिनों की संलेखना को धारण किया।मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन महामंत्री अनुज गोधा कोषाध्यक्ष ज्ञान चंद जैन उपस्थित थे।