राजस्थान में अतिक्रमण के लगातार बढ़ते मामले काफी गंभीर स्थिति में है। एक ओर जहां सड़क पर अतिक्रमण देखने को मिलता है, वहीं, माफियाओं द्वारा भूमि हड़पने के मामले भी सामने आते रहते है। हालांकि राजस्थान सरकार द्वारा भी अतिक्रमण करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जाती है। लेकिन मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण का मामला भी राजस्थान में कम नहीं है। अब इस पर कार्रवाई के लिए सरकार ने नई रणनीति बनाई है। देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार (1 अगस्त) को विधान सभा में बताया कि देवस्थान विभाग जिला प्रशासन के सहयोग से मंदिरों की जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए ठोस कार्यवाही करेगा। 

उन्होंने बताया कि विभिन्न समस्याओं के बाद भी विभाग ने लगातार अतिक्रमियों से देवस्थान भूमियों को अपने कब्जे में लेने की कार्यवाही की है। विभाग द्वारा 44 अतिक्रमणकारियों से 7.44 हैक्टेयर भूमि कब्जे में ली गई है।

2768 हैक्टेयर भूमि पर 1773 अतिक्रमियों का कब्जा
कुमावत शून्यकाल के दौरान लाड़पुरा विधायक कल्पना देवी द्वारा ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग समय-समय पर मंदिरों व मंदिरों की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करता है। मंदिरों की कुल 7294 हैक्टेयर भूमि में से 2768 हैक्टेयर भूमि पर 1773 अतिक्रमियों का कब्जा है, जिनके खिलाफ न्यायालय में 263 वाद विचाराधीन है।

देवस्थान मंत्री ने बताया कि पुजारी और पटवारी की ओर से मंदिर भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी ध्यान में लाए जाने पर संबंधित तहसीलदार अतिक्रमियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हैं। जिला कलेक्टर मूर्ति मंदिर भूमि संबंधित अतिक्रमण रिपोर्ट राजस्व कर्मियों से नियमित रूप से प्राप्त कर राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 के अनुसार प्रकरण दर्ज कर तद्नुसार प्रभावी नियंत्रण करते हैं। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के निर्देशानुसार विभाग की कृषि भूमि के अतिक्रमियों के खिलाफ भू-राजस्व अधिनियम, 1956 तथा अन्य राजस्व नियमों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया। साथ ही, देवस्थान विभाग आयुक्त की ओर से संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर को अर्द्धशासकीय पत्र लिखा गया।

मंदिरों को चिह्नित कर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे
देवस्थान मंत्री ने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि देवस्थान विभाग मंदिरों की कृषि भूमि पर अतिक्रमियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ मंदिर की जमीनों का संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि मंदिरों में जहां बोर्ड नहीं है वहां बोर्ड लगाए जाएंगे। अतिक्रमण से मुक्त परिसंपत्तियों को चिह्नित कर उन पर सरल दृश्य स्थान पर कलर पेंट और लेखन करवाया जाएगा। साथ ही, प्रमुख मंदिरों को चिह्नित कर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। मंदिर व परिसंपत्तियों के समग्र विकास के लिए विचार मंथन कर ठोस कदम उठाए जाएंगे।