किसी भी नए प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से क्या आपकी भी स्किन पर रैशेज नजर आने लगते हैं, तेज खुजली के साथ जलन होने लगती है? अगर इसका जवाब हां है, तो आपको स्किन केयर प्रोडक्ट्स में मौजूद इंग्रेडिएंट्स पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि कुछ इंग्रेडिएंट्स ऐसे होते हैं, जो किसी दूसरे इंग्रेडिएंट्स के साथ मिलकर रिएक्ट कर सकते हैं और इसी वजह से रैशेज, बर्निंग और खुजली की समस्या हो सकती है। आइए जान लेते हैं कुछ ऐसे ही बैड कॉम्बिनेशन्स के बारे में।
रेटिनॉल + एएचए/बीएचए
रेटिनॉल, एक बहुत ही पावरफुल एंटी एजिंग इंग्रेडिएंट है, जो स्किन को एक्सफोलिएट करता है और उसका टेक्सचर भी इंप्रूव करता है। स्किन केयर प्रोडक्ट में एएचए/बीएचए (अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड और बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड) नामक इंग्रेडिएंट एक केमिकल एक्सफोलिएंट हैं, जो डेड स्किन रिमूव करते हैं और त्वचा का ग्लो बढ़ाने का काम करते हैं, लेकिन इन दोनों इंग्रेडिएंट के साथ मिलने से एक हार्श प्रोडक्ट बन जाता है, जिससे बर्निंग, हाइपरपिग्मेंटेशन, रेडनेस और एक्ने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
एएचए/बीएचए + विटामिन सी
जैसा कि आप जान चुके हैं कि एएचए/बीएचए एसिड्स हैं। त्वचा को एक्सफोलिएट करने के लिए इनका बहुत ही कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें अकेले लगाने का कोई नुकसान नहीं, लेकिन अगर आप इसके साथ विटामिन सी वाले किसी स्किन केयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं, तो इसके बुरे नतीजे देखने को मिल सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि विटामिन सी भी एक एसिड है, जिस वजह से इरीटेशन की दिक्कत हो सकती है। एएचए/बीएचए बेशक डेड सेल्स हटाते हैं, लेकिन इससे स्किन हाइपर सेंसिटिव हो जाती है। ऐसे में विटामिन सी का इस्तेमाल बिल्कुल भी सही नहीं होता ।
विटामिन सी + रेटिनॉल
इन दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल स्किन के लिए बहुत ही फायदेमंद है, लेकिन जब ये एक साथ मिल जाते हैं, तो त्वचा में जलन की वजह बन सकते हैं। बेहतर होगा इन दोनों का अलग-अलग समय पर यूज करें। जहां रेटिनॉल को रात में लगाना सही होता है वहीं विटामिन सी को दिन के वक्त। रेटिनॉल लगाने से पहले हमेशा मॉयश्चराइजर लगाना चाहिए या फिर मॉयश्चराइजर को रेटिनॉल में मिलाकर भी लगाया जा सकता है। विटामिन सी युक्त लगाने के बाद सनस्क्रीन लगाना न भूलें।